आधुनिक भारतइतिहास

चार केन्द्र-शासित क्षेत्रों को पूर्ण राज्य का दर्जा

स्वतंत्रता के बाद से ही भारतीय गणराज्य की इकाइयों के पुनर्गठन का जो सिलसिला चला, वह चलता ही रहा।

जनवरी, 1971 में हिमाचल प्रदेश के पहाङी क्षेत्र को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया। अब तक वह केन्द्र शासित क्षेत्र था। एक साल बाद अर्थात् जनवरी, 1972 में मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा को भी पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हो गया।

अप्रैल, 1975 में सिक्किम का पर्वतीय राज्य भी भारतीय गणराज्य में सम्मिलित हो गया। इस प्रकार गणराज्य की इकाइयों की संख्या बढती गई। फरवरी, 1980 में राज्यों की संख्या 22 थी। वे इस प्रकार थे-

  1. पंजाब, 2) राजस्थान, 3) उत्तर प्रदेश,4)पश्चिमी बंगाल, 5) आंध्र प्रदेश, 6) असम, 7) बिहार,8) जम्मू-कश्मीर, 9) केरल, 10) मध्यप्रदेश, 11) तमिलनाडु, 12) महाराष्ट्र, 13) कर्नाटक, 14) उङीसा, 15) गुजरात, 16) नागालैण्ड, 17) हरियाणा, 18) हिमाचल प्रदेश, 19) त्रिपुरा, 20) मणिपुर, 21) मेघालय, 22) सिक्किम।

फरवरी, 1980 में केन्द्र शासित क्षेत्र इस प्रकार थे- 1) मिजोरम, 2) अंडमान तथा निकोबार द्वीप, 3) दिल्ली, 4) लकादिव, मिनिकोय तथा अमीनसदिव, 5) अरुणाचल प्रदेश, 6) पांडिचेरी, 7) गोवा, दमन और दीव, 8) दादर, नगर हवेली, 9) चंडीगढ।

परिवर्तन का यह सिलसिला 1980 के बाद भी जारी रहा और कुछ क्षेत्रों तो पूर्ण राज्य का दर्जा मिला, तो कुछ को पङौस के प्रांत के साथ सम्मिलित किया गया।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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