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अलाउद्दीन खिलजी की राजस्व तथा सैन्य सुधार की नीति

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अलाउद्दीन खिलजी की राजस्व सुधार नीति-

धन के संकीर्णन को कुछ हाथों में( ग्रामीण क्षेत्रों के हिन्दू जागीरदार, खुद्द, मुकद्दम व चौधरी )  जाने से रोकने के लिये अलाउद्दीन खिलजी ने राजस्व सुधार की नीति अपनाई।

राजस्व सुधार की नीति के तत्व / अंग निम्नलिखित हैं-

  1. शासन की सेवा न करने वाले अथवा अयोग्य लोगों को दी गई इक्ताओं को छीनकर खालीसा(यह वह भूमि थी जो राजा के प्रत्यक्ष नियंत्रण में हो) भूमि में मिला दिया।
  2. अलाउद्दीन ने कृषि क्षेत्र में सुधार किया तथा अनुमान आधारित भू राजस्व पद्दति ( कनकूत, नसक, बंटाई ) को समाप्त कर भूमि की पैमाइश कर करारोपण किया।

अलाउद्दीन खिलजी प्रथम मुस्लिम शासक था जिसने भूमि की पैमाइश करवाई। बरनी ने इसके भू राजस्व प्रणाली को मसाहत पद्दति कहा है। इसमें भूमि की बीघा तथा बिसवा ( बिघे का 20 वां भाग ) को भूमि मापने का पैमाना बनाया। उसने  ( खुत, मुकद्दम, चौधरी ) जैसे परंपरागत कर वसूली वाले अधिकारियों को हटा दिया और कर वसूली के लिये वेतन भोगी राजकीय अधिकारी नियुक्त किये।अलाउद्दीन ने इन वंशानुगत अधिकारियों के विशेषाधिकारों  ( हकूक-ए-खोती तथा किस्मत-ए-खोती ) को भी छिना तथा इनकी भूमि पर भी कर लगाया। (i.) हकूक-ए-खोती-  किसानों से जितना टेक्स अधिकारी लेते थे उसका 10%  टेक्स राजा को न देकर खुद अधिकारी लेते थे। तथा 90% टेक्स राजा को देते थे। (ii.)किस्मत-ए-खोती- किसानों से अलग से टेक्स लेते थे। अलाउद्दीन ने इस प्रकार परंपरागत जमींदार वर्ग पर नियंत्रण स्थापित किया।

बरनी के अनुसार अलाउद्दीन के इन सुधारों से हिन्दू जमीदारों की आर्थिक स्थिति दयनीय हुई तथा उनकी स्रीयां मुस्लमानों  के घरों में काम करती थी।

अलाउद्दीन के भू राजस्व की दर 50% थी ( सर्वाधिक ) । इसके अलावा धरी, चरी नामक अन्य कर भी लगाये। इन सबके अलावा अलाउद्दीन ने खम्स ( युद्ध में लूट का माल ) के अनुपात को बदल दिया और सुल्तान के लिये 4/5 भाग तथा संबंधित व्यक्ति के लिये 1/5 भाग कर दिया।

सैन्य व्यवस्था-

अलाउद्दीन खिलजी सल्तनत काल का प्रथम शासक था जिसने सुल्तान के अधीन एक बङी सेना रखी तथा सैनिकों को नकद वेतन दिया। यह पहला शासक था, जिसने सेना में भ्रष्टाचार रोकने के लिये दाग व हुलिया प्रथा लागू करी।

अलाउद्दीन खिलजी ने उलेमाओं (मौला, काजी ) को प्रशासन में हस्तक्षेप से रोका तथा उन्हें धर्म व शिक्षा तक ही सिमित रखा।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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