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अंतरिम भारत सरकार 1946 का गठन क्यों किया गया

वेवल ने 1 अगस्त, 1946 को कांग्रेस अध्यक्ष पं. जवाहरलाल नेहरू को अंतरिम सरकार के गठन के लिए निमंत्रण दिया। 24 अगस्त, 1946 को पं. जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में भारत की पहली अंतरिम राष्ट्रीय सरकार की घोषणा की गयी।

इस अंतरिम सरकार में मुस्लिम लीग की भागीदारी नहीं थी।

अंतरिम सरकार के सदस्य निम्नलिखित थे-

पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, डा. राजेन्द्र प्रसाद, आसफ अली, राजगोपालाचारी, शरत चंद्र बोस, डा.जय मथाई, सरदार बलदेव सिंह,सरफराज अहमद खां, नाजीक राम, सैयद अली जहीन, डा. सी. एच.भाभा आदि थे।

उपर्युक्त सदस्य औपचारिक रूप से वायसराय की कार्यकारिणी परिषद के सदस्य थे।

अंतरिम सरकार के अध्यक्ष वायसराय(वेवल) तथा उपाध्यक्ष पं. जवाहरलाल नेहरू थे।

पं. जवाहरलाल नेहरू ने 2 सितंबर, 1946 को ग्यारह अन्य सदस्यों के साथ अपने पद की शपथ ली, अन्य सदस्यों में से तीन गैर मुस्लिम लीग सदस्य थे। लीग अपने पांच मनोनीत सदस्यों के साथ सरकार में प्रवेश कर सके, इसके लिए द्वार खुला रखा गया।

26 अक्टूबर,1946 को अंतरिम सरकार में तीन मूल सदस्यों के स्थान पर लीग के पांच प्रतिनिधि शामिल हो गये।मुस्लिम लीग का अंतरिम सरकार में शामिल होना सरकार के साथ सहयोग का सूचक नहीं था। बल्कि अपनी पाकिस्तान की माँग की लङाई को आगे बढाने का स्वार्थ निहित प्रयास था।

20 नवंबर,1946 को वायसराय ने संविधान सभा की पहली बैठक हेतु निर्वाचित प्रतिनिधियों की बैठक में भाग लेने के लिए नियंत्रण पत्र भेजा। 9 दिसंबर,1946 को दिल्ली में संविधान सभा की पहली बैठक हुई, जिसका मुस्लिम लीग ने बहिष्कार किया।

मुस्लिम लीग द्वारा संविधान सभा का लगातार बहिष्कार देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने यह निर्णय दिया, कि संविधान सभा के निर्णय मुस्लिम बहुल इलाके पर लागू नहीं होंगे।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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