मध्यकालीन भारतइतिहासभक्ति आंदोलन

गुरुनानक कौन थे

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  1. भक्ति आंदोलन क्या था, इसके कारण तथा प्रमुख सं
  2. 15वी. एवं 16वी. शताब्दियों के धार्मिक आंदोलन

गुरुनानक ( 1469-1538ई. )- इनका जन्म 1469ई. में तलवंडी (आधुनिक ननकाना ) पंजाब में एक खत्री परिवार में हुआ था।इनकी माता का नाम तृप्ता देवी तथा पिता का नाम कालूराम था।बटाला के मूलराज खत्री की बेटी सुलक्षणी से उनका विवाह हुआ। उनके दो पुत्र हुए थे।

नानक जी ने देश के पाँच बार चक्कर लगाया, जिसे उदासीन कहा जाता है। उन्होंने कीर्तनों के माध्यम से उपदेश दिये।

एकेश्वरवाद तथा मानव मात्र की एकता गुरु के मौलिक सिद्धांत थे। नानक ने  जाति-पाँत, बाह्य आडंबर तथा ब्राह्मणों और मुल्लाओं की श्रेष्ठता का विरोध किया। मार्ग दर्शन के लिए वे गुरु की अनिवार्यता को पहली शर्त मानते थे।

कबीर की भाँति मूर्तिपूजा, तीर्थयात्रा तथा धार्मिक आडंबरों के कट्टर विरोधी थे किन्तु कर्म एवं पुनर्जन्म में विश्वास रखते थे। गुरुनानक ने निराकार ( आकार रहित ) ईश्वर की कल्पना की और इस निराकार ईश्वर को इन्होंने अकाल पुरुष (अनंत एवं अनादि ईश्वर ) की संज्ञा दी।

वे काव्य रचना करते थे और रबाब के संगीत के साथ गाया करते थे। सारंगी उनका स्वामिभक्त शिष्य मरदाना बजाया  करता था। कहा जाता है कि नानक सारे भारत और दक्षिण में श्रीलंका तथा पश्चिम में मक्का और मदीना का भ्रमण किया।

इन्होंने प्रेरणादायी कविताओं एवं गीतों की रचना की जिन्हें एक पुस्तक रूप में संकलित किया गया जो बाद में आदि ग्रंथ के नाम से प्रकाशित हुआ।अपने जीवन के अंतिम दिनों में उन्होंने रावी नदी के किनारे डेहरा (मठ) स्थापित किया। अपने जीवन काल में ही उन्होंने आध्यात्मिक आधार पर अपने पुत्रों की जगह अपने शिष्य भाई लहना (अंगद) को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया। 1538 ई. में नानक जी का करतार में निधन हो गया।

अकबर की धार्मिक और राजनीतिक नीतियों में कबीर एवं नानक दो महान संतों के उपदेशों को लक्षित किया गया है। गुरुनानक ने सिख धर्म की स्थापना की। नानक सूफी संत बाबा फरीद से प्रभावित हुए।गुरुनानक के गीत आदि ग्रंथ में संकलित हैं।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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