प्राचीन भारतइतिहासविदेशी यात्री

प्रमुख अरबी लेखक – अलबरूनी एवं इब्नबतूता

अरबी लेखक- अरबी यात्री, भूगोलवेता,तथा इतिहासकार 8वी.शता. के बाद भारत की ओर आकर्षित हुए। प्रारंभिक अरब लेखकों ने भारत के इतिहास के बारे में लिखने के स्थान पर यहाँ के निवासियों और देश के बारे में अधिक लिखा है। 

अलबरूनी(1017ई.से 1020ई.):

  • यह महमूद  गजनवी के साथ भारत आया था । अरबी भाषा में लिखी गई उसकी पुस्तक किताब  – उल –  हिन्द  या  तहकीक – ए  – हिन्द  ( भारत की खोज ) इतिहास जानने का महत्तवपूर्ण स्रोत है। यह एक विस्तृत स्रोत है जो धर्म और दर्शन , त्यौंहारों ,खगोल विज्ञान , रीति-रिवाजों तथा प्रथाओं , सामाजिक जीवन , भार -तौल तथा मापन विधियों , मूर्तिकला,कानून , मापतंत्र विज्ञान आदि विषयों के आधार पर 80 अध्यायों में विभाजित है। इसमें राजपूत – कालीन समाज, धर्म , रीति – रिवाज , राजनीति आदि का उल्लेख है।इस पुस्तक का हिन्दी और अंग्रेजी में अनुवाद किया जा चुका है।
  • अलबरूनी की रचनाएँ अरबी भाषा में लिखी गई हैं । अरबी भाषा के अलावा अलबरूनी सीरियीई, संस्कृत,यूनानी आदि भाषाओं का भी ज्ञाता था।उसने अनेक रचनाएँ भी लिखी-अल कानून अल मसूद, कानून अल मसूदी, अल हैयत अल नजूम।
  • अलबरूनी ने पृथ्वी की त्रिज्या मापने का फॉरमूला दिया ।
  • महमूद गजनवी ने भारत पर कई अभियान किये थे उनमें से कई अभियानों में अलबरूनी भी था।
  • अलबरूनी फारसी विद्वान लेखक, वैज्ञानिक, विचारक,धर्मज्ञ था।

इब्नबतूता (1333ई.):

  • इसने अरबी भाषा में अपना यात्रा वृतांत्त
      रिह्रला लिखा था। इसने अपने यात्रा वृतांत्त में 14वीं शताब्दी के भारतीय उपमहाद्वीप के सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन के विषय में प्रचुर तथा रोचक जानकारियाँ दी हैं । जब इब्नबतूता 1333 ई. में दिल्ली गया तो उसकी विद्वता से प्रभाविता होकर सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक ने उसे काजी ( न्यायाधीश ) नियुक्त किया था ।
  • यह मुहम्मद तुगलक के काल में भारत आया था। इब्नबतूता अफ्रीका के मोरक्को के रहने वाला था।
  • इसका पूरा नाम मुहम्मद बिन अब्दुल्ला इब्नबतूता था।इब्नबतूता मुस्लमान यात्रियों में सबसे महान था।
  • इसको मुहम्मद तुगलक ने चीन के दरबार में अपना राजदूत बनाकर भेजा था।

अन्य प्रमुख लेखक –

सुलेमान –

  • अरबी यात्री सुलेमान ने अपने यात्रा वृतांत्त में प्रतिहार शासकों का उल्लेख करते हुए तत्कालीन सामाजिक , आर्थिक जानकारी का विस्तृत उल्लेख किया है।सुलेमान ने तथा अलमसूदी ने अपने यात्रा विवरण में लिखा है कि जिनका नाम वराह (मिहिर भोज) है वह इस्लाम धर्म तथा अरबों का सबसे बङा शत्रु है।

अलमसूदी-(915ई.-916ई.)

  • बगदाद यात्री अलमसूदी राष्ट्रकूट एवं प्रतिहार शासकों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी अपने यात्रा विवरण में देता  है।
  • यह महिपाल प्रथम के काल में भारत आया था।

तारानाथ –

  • यह एक तिब्बती लेखक था। इसने कंग्युर तथा तंग्युर नामक ग्रंथ की रचना की। इनसे भारतीय इतिहास की जानकारी मिलती है।इन्होंने अपनी पुस्तक ” बौध धर्म का इतिहास   में बौद्ध धर्म  संबंधी जानकारी दी है।

मार्कोपोलो-

  •  यह 13वीं शताब्दी के अन्त में पाण्डय देश की यात्रा पर आया था । इसका विवरण पाण्डय इतिहास के अध्ययन के लिए उपयोगी है।

Reference : https://www.indiaolddays.com

Related Articles

error: Content is protected !!