बौद्ध कालइतिहासप्राचीन भारत

महात्मा बुद्ध के उपदेश

महात्मा बुद्ध ने अपने उपदेश, सरल तथा स्थानीय भाषा (पालि) में दिये। महात्मा बुद्ध का व्यक्तित्व महान था , वे कथनी व करनी में अंतर नहीं करते थे।

बुद्ध के उपदेश व्यवहारिक जीवन से जुङे हुये थे।

गौतम बुद्ध ने ईश्वर, आत्मा, सृष्टि के निर्माण – विनाश (तत्वमीमांसा) के बारे में कुछ नहीं कहा (मौन रहे)। इस विषय से संबंधित बुद्ध के शिष्यों ने 10 सवाल पूछे थे, उन्होंने उनका कोई उत्तर नहीं दिया अतः इन्हें अव्यक्तानि कहा गया है।

भगवान बुद्ध ने लोगों को मध्यम मार्ग का उपदेश दिया। उन्होंने दुःख, उसके कारण और निवारण के लिए अष्टांगिक मार्ग सुझाया।

उन्होंने अहिंसा पर बहुत जोर दिया है।

उन्होंने यज्ञ और पशु-बलि की निंदा की।

बुद्ध के उपदेशों का सार इस प्रकार है –

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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