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पूर्ण स्वाधीनता (स्वराज)का प्रस्ताव की माँग किस अधिवेशन में की गई

नेहरू रिपोर्ट काफी अच्छी थी। किन्तु अंग्रेज सरकार ने इसे 1929 तक स्वीकार नहीं किया। मई, 1929 में इंग्लैण्ड के चुनाव में अनुदार दल की पराजय के बाद रेम्जे मेक्डोनल्ड के नेतृत्व में मजदूर दल की सरकार बनी।

चुनाव के बाद राष्ट्रमंडल देशों के श्रमिक दलों के सम्मेलन में मेक्डोनल्ड ने भारत को अधिराज्य स्थिति देने की घोषणा की और अक्टूबर,1917 में भारत के गवर्नर-जनरल लार्ड इरविन को विचार-विमर्श के लिए इंग्लैण्ड बुलाया।

इंग्लैण्ड से लौटकर लार्ड इरविन ने 31 अक्टूबर, 1929 को घोषणा की कि 1917 की घोषणा से यह अभिप्राय स्पष्ट होता है कि भारत को अधिराज्य स्थिति का दर्जा मिले।

इरविन ने यह भी कहा कि साइमन कमीशन की रिपोर्ट पर विचार करने के लिए ब्रिटिश सरकार एक गोलमेज सम्मेलन बुलायेगी।यद्यपि इरविन की घोषणा में यह नहीं कहा गया कि भारत को कब स्वराज्य प्राप्त होगा। लेकिन इंग्लैण्ड के अनुदार दल ने अधिराज्य स्थिति की चर्चा तक का विरोध किया।

ऐसे भ्रांतिमय वातावरण के कारण स्थिति स्पष्ट करने के लिए दिसंबर,1929 में गाँधीजी ने लार्ड इरविन से भेंट की, किन्तु इसका कोई परिणाम नहीं निकला।

इससे काँग्रेसी नेताओं को बङी निराशा हुई। इसी बीच इंग्लैण्ड सरकार ने नेहरू रिपोर्ट को भी अस्वीकार कर दिया था।

काँग्रेस का लाहौर अधिवेशन

  • 31 दिसंबर 1929 को काँग्रेस के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित कर भारत के लिए पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी। नेहरू ने कहा था, “हमारा लक्ष्य सिर्फ स्वाधीनता प्राप्त करना है। हमारे लिए स्वाधीनता ही, पूर्ण स्वतंत्रता है।”
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता की घोषणा 26 जनवरी 1930 को की।इसी दिन पूर्ण आजादी यानी ब्रिटिश शासन से अलग स्वायत्त शासन की लड़ाई के लिए प्रस्ताव पारित किया गया।
  • कांग्रेस अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू ने 31 दिसम्बर 1929 को लाहौर में भारत का आधिकारिक झंडा फहराया।
  • यह भी निश्चय किया गया कि प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी का दिन स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाये।एक प्रतिज्ञा बनाई गई, जो इस दिन प्रत्येक कांग्रेसी के द्वारा ग्रहण की जाती थी।

26 जनवरी,1930 को लाहौर में रावी नदी के किनारे सभी काँग्रेस के सदस्यों ने पूर्ण स्वाधीनता की प्रतिज्ञा ग्रहण की। इसलिए 26 जनवरी का दिन भारतीय इतिहास में विशेष महत्त्व रखता है।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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