दिवसमार्च

8 मार्च : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस(International Women’s Day) हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।

महिला दिवस को मनाने का उद्देश्य

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बदलाव की पहल करने और सामान्य महिलाओं के साहस पर जश्न मनाने का समय है। उन्हें याद करने का दिन है, जिन्होंने अपने-अपने देश व समुदाय के इतिहास में असाधारण भूमिका निभाई। पर दुख इसका है, कि अभूतपूर्व प्रगति के बावजूद दुनियां का कोई भी देश पूरी तरह लैंगिक समानता हासिल करने का दावा नहीं कर सकता। पिछले कुछ दशकों में हम चांद पर उतरे व पहली बार ब्लैक होल की तस्वीर भी ली। लेकिन इसी बीच 270 करोङ महिलाओं को पुरुषों के सामन नौकरी करने से रोका गया। आज भी महिला हिंसा की शिकार है।

महिलाओं के अधिकार की बात

महिला दिवस 2020 का पीढी समानता अभियान हर लिंग, आयु, जाति,धर्म और देश के लोगों को एक साथ लाने के मकसद से रखा गया है। पिछले वर्ष भी बेहतरी के लिये बराबरी पर जोर दिया दिया गया था।संयुक्त राष्ट्र संघ का लक्ष्य वर्ष 2030 तक लिंग के आधार पर हो रहे भेदभाव को दूर करना है।इसलिये हम सब को उस रास्ते पर अपने कदम रखने का प्रयास करना होगा जहां से होकर दुनायां सभी के लिये एक समान हो। चूंकि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण को आकार देने में भाषा की महत्त्वपूर्ण भूमिका हमेशा रही है, इसलिये ऐसी भाषा का उपयोग न करें, जो लैंगिक असमानता को बढावा दे रही हो।

लैंगिक समानता के पांच सूत्र
  1. मिलजुलकर रखें सबका ख्याल।
  2. यौन प्रताङना के खिलाफ उठाएं आवाज।
  3. दोहरी मानसिकता को नकारें।
  4. कार्यस्थल पर समान वर्क कल्चर की करें मांग।
  5. अपने राजनैतिक अधिकारों का करें प्रयोग।
प्रत्येक स्त्री को खुद जलाना होगा समानता का दीपक

मत कहो मुझे अच्छी, संस्कारी,
कि दुखने लगे हैं जकङे पंख।
लुभाता है आसमान का न्योता ,
बख्शो हे परम पिता !
मत बनाओ देवी, आंगन की तुलसी,
कि जङता नहीं,
गतिशीलता की चाह है।
तय है मंजिल और
सामने लंबी राह है,
शाम ढलते ही लौट आऊं घर,
यह अब हो नहीं सकता।
बख्सो हे परम पिता !

चेतना झा
वे काम जो महिला होने के नाते आपको करना चाहिये
  • लिंग पर आधारित चुटकलों पर न हंसे।
  • गलत व्यवहार पर आवाज उठायें।
  • स्त्रीवादी रोल मॉडल को समझें।
  • समानता पर आधारित चर्चा का हिस्सा बनें।
  • सशक्तिकरण की कहानियों को सांझा करें।
  • रुढिवादिता को चुनौती दें।(स्त्रोतः संयुक्त राष्ट्र – संघ)
एक विशेष जानकारी

दुनियां की पहली कंप्यूटर प्रोग्रामर एक महिला एडा लवलेस थी। वे गणितज्ञ और लेखिका थी। ये वह पहली महिला थी, जो जान पाई कि गणनाओं के अलावा कंप्यूटर पर कुछ एप्लीकेशंस भी हो सकती हैं। इन्होंने पहला एलगोरिथम प्रकाशित किया। यह वह दस्तावेज है, जिसके जरिए कंप्यूटर साइंस और गणित में कैलकुलेशंस की जाती हैं।

मार्च माह के अन्य महत्त्वपूर्ण दिवसों के बारे में जानकारी

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