इतिहासप्राचीन सभ्यताएँविश्व का इतिहास

बेबीलोनिया की सभ्यता

बेबीलोनिया की सभ्यता

सुमेरिया की सभ्यता(Civilization of Sumeria) के बाद बेबीलोनिया की सभ्यता (Babylonia Civilization)का जन्म हुआ। इस सभ्यता का क्षेत्र भी वही क्षेत्र था, जहां पर सुमेरिया की सभ्यता का जन्म हुआ था। इतिसकारों के मतानुसार बेबीलोनिया के लोग संभवतः अरब के रेगिस्तान के घुमक्कङ लोग थे इन लोगों ने 2,000 ईसा पूर्व के आसपास के समय में सुमेर पर विजय प्राप्त की और बेबीलोन को अपनी राजधानी बनाया।

बेबीलोन को राजधानी बनाए जाने के कारण इस सभ्यता को लोगों ने बेबीलोनिया की सभ्यता का नाम दिया। बेबीलोन नामक स्थान इतिहास प्रसिद्ध वह स्थान है, जहां विश्व विजेता सिकंदर की मृत्यु हुई थी। बेबीलोन के झूलते बाग, जिन्हें सेमीरामीस के बाग भी कहा जाता है, वह प्राचीन दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है।

बाबिल आजकल के ईराक क्षेत्र की सुमेर के पश्चात दूसरी सभ्यता। इस की भाषा सुमेर की भाषा से भिन्न थी। बाबिल नगर जो इसी नाम के साम्राज्य की राजधानी था। बेबीलोन प्राचीन मेसोपोटामिया का एक नगर था। यह बेबीलोनिया साम्राज्य का केन्द्र था।

इस जाति के शासकों ने बेबीलोन नगर का निर्माण किया, जो आधुनिक समय में काशगर के मैदान के नाम से जाना जाता है।

इन्हें बाबल लोग भी कहा जाता है। इनको एवं इनकी सभ्यता को सभ्यता के इतिहास में इसी नाम से जाना जाता है।

बेबीलोनिया की सभ्यता का सामाजिक जीवन

बेबीलोनिया की सभ्यता का समाज भी सुमेरिया की सभ्यता की तरह तीन वर्गों में बाँटा गया था –

  1. उच्च वर्ग – इस वर्ग में पुरोहित तथा समाज के संपन्न व्यक्ति आते थे,
  2. मध्यम वर्ग – मध्यम वर्ग में व्यापारियों एवं किसानों का रखा गया था।
  3. निम्न वर्ग – इस वर्ग में दास वर्ग के लोग आते थे।

राजनैतिक जीवन

यहाँ का सर्व प्रमुख शासक हम्मूराबी था। हम्मूराबी को विश्व का प्रथम कानून निर्माता माना जाता है। और हम्मूराबी की विधि संहिता आज भी प्रसिद्ध है।

आर्थिक जीवन

यहाँ के लोगों के आर्थिक जीवन का मुख्य आधार कृषि था। यहां की भूमि बहुत ही उपजाऊ थी, जिससे किसानों को कार्य करने में कोई परेशानी नहीं होती थी।

उपजाऊ भूमि होने के कारण उस समय यहां पर फसल बहुत अच्छी होती थी।

कला शैली

बेबीलोनिया की सभ्यता में इमारतों का विकास हुआ और इस सभ्यता के निवासी इमारतों के बङे ही कुशल निर्माता थे। इस सभ्यता के निवासियों ने कई नगरों को बसाया और नगर के चारों ओर दीवारें भी बनवाई। इमारतों के अलावा इस सभ्यता में सुंदर बांध भी बनाए गए थे, जिनसे कृषि कार्य को सुनियोजित किया जा सके। इस काल में मूर्तियों को भी बनाया गया, इसके अलावा इस सभ्यता के मंदिरों में चित्रकला देखने को मिलती है।

लिपि, शिक्षा एवं साहित्य

बेबीलोनिया में हम्मूराबी के शासन से पूर्व कीलाक्षर लिपि का प्रयोग किया जाता था। हम्मूराबी के शासनकाल में इस सभ्यता के लोगों ने सुमेरिया की कीलाक्षर लिपि में सुधार करके उसे ही अपना लिया था।कीलाक्षर लिपि में 300 शब्द थे।

वैज्ञानिक प्रगति

यहाँ के लोग वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी संपन्न थे। इस सभ्यता के लोग खगोल शास्त्र एवं ज्योतिष शास्त्र के भी ज्ञानी थे। यहाँ के लोग जोङ, गुणा भाग तथा घटाना आदि गणितीय सूत्रों से परिचित थे। इस सभ्यता के निवासियों ने गणित के क्षेत्र में काफी प्रगति की थी और गुणा की पद्धति का आविष्कार भी इसी सभ्यता के लोगों ने किया था। इस सभ्यता के लोगों ने जल घङी एवं सूर्य घङी का भी निर्माण किया था।

बेबीलोनिया की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक थी। यह सभ्यता बहुत ही उन्नत एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सक्षम थी। इसी सभ्यता के कारण विश्व में ज्योतिष का प्रसार भी हुआ। ऐसा भी माना जाता है, कि इस सभ्यता ने ही ग्रहों, नक्षत्रों आदि का नामकरण किया। इस सभ्यता के लोगों को मीनारें, गुंबदें, मस्जिदें आदि बनाने का ज्ञान प्राप्त था, उन्होंने यह ज्ञान पूरे विश्व को प्रदान किया था।

Related Articles

error: Content is protected !!