इतिहासदक्षिण भारतप्राचीन भारतबादामी का चालुक्य वंश

चालुक्य वंश का शासक विनयादित्य (681-696 ईस्वी)

बादामी के चालुक्य शासक विक्रमादित्य के बाद उसका पुत्र विनयादित्य शासक बना। उसने महाराजाधिराज, परमेश्वर, भट्टारक, राजाश्रय तथा युद्धमल्ल जैसी उच्च सम्मान-परक उपाधियाँ धारण की थी। उसके कई लेख मिलते हैं। इनसे सूचित होता है, कि उसके राज्य में शांति एवं समृद्धि थी तथा वह प्रशासन की विविध समस्याओं में व्यक्तिगत रुचि लेता था। चालुक्य लेखों में उसे पल्लव, कलभ्र, केरल, हैहय, मालव, चोल, पाण्ड्य आदि जातियों को पराजित करने का श्रेय प्रदान किया गया है। विनयादित्य ने कावेर, पारसीक, सिंहल आदि द्वीपों के शासकों से कर प्राप्त किया था। यह भी बताया गया है, कि उसने उत्तरी भारत के सभी शत्रुओं को परास्त कर पालिध्वज तथा सर्वोच्च प्रभुसत्ता के प्रतीक प्राप्त किये थे।

चालुक्य शासक विक्रमादित्य प्रथम का इतिहास

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