इतिहासदक्षिण भारतप्राचीन भारतबादामी का चालुक्य वंश

बादामी का चालुक्य शासक कीर्त्तिवर्मन् द्वितीय (745-757ईस्वी)

बादामी के चालुक्य शासक विक्रमादित्य द्वितीय का पुत्र और उत्तराधिकारी कीर्त्तिवर्मन द्वितीय हुआ।अपने पिता के समय में ही वह पल्लवों के विरुद्ध सफलता प्राप्त कर चुका था, जिससे प्रसन्न होकर विक्रमादित्य ने उसे युवराज बनाया था।

विक्रमादित्य द्वितीय का इतिहास

वह बादामी के चालुक्य वश का अंतिम शासक था। उसके काल में चालुक्य-शक्ति निर्बल पङती गयी।

Prev 1 of 1 Next
Prev 1 of 1 Next

इस समय मान्यखेट के राष्ट्रकूट प्रबल होने लगे। इस वश के संस्थापक दंतिदुर्ग ने मालव, कोशल, श्रीशैल तथा कलिंग के राजाओं को जीतकर अपनी शक्ति का विस्तार किया।पल्लव नरेश नंदिवर्मा के साथ उसने अपनी कन्या का विवाह कर उसे अपनी ओर मिला लिया। इस प्रकार उसने कीर्तिवर्मा को अलग-थलग कर दिया। उसने अपने को दकन का सार्वभौम राजा घोषित किया तथा फिर पूरी शक्ति के साथ कीर्त्तिवर्मा पर आक्रमण कर दिया। युद्ध में कीर्त्तिवर्मा पराजित हुआ तथा दंतिदुर्ग ने उत्तरी महाराष्ट्र, गुजरात तथा आस-पास के कुछ प्रदेशों को चालुक्यों से छीन लिया।

राष्ट्रकूट शासकों का इतिहास में योगदान

ऐसा लगता है, कि इसके बाद भी कुछ समय तक कीर्त्तिवर्मा शासन करता रहा। उसने पुनः शक्ति जुटाकर राष्ट्रकूटों से अपना राज्य वापस लेने का प्रयास किया, किन्तु दंतिदुर्ग के उत्तराधिकारी कृष्ण प्रथम ने उसे पराजित कर दिया। संभवतः कीर्त्तिवर्मा युद्ध करते हुए मारा गया तथा चालुक्य राज्य पर राष्ट्रकूटों का अधिकार हो गया। परवर्ती चालुक्य लेखों में इसी बात का संकेत करते हुये कहा गया है, कि कीर्त्तिवर्मा के राज्य काल में चालुक्य वंश की राजलक्ष्मी पृथ्वी से तिरोहित हो गयी।

कीर्त्तिवर्मा ने 757 ई. कर राज्य किया। उसके काल में निर्माण कार्य होते रहे। आडूर तथा अग्निगेरे लेखों से पता चलता है, कि इस समय जैन मंदिरों का निर्माण हुआ तथा उनमें अक्षय निधियां स्थापित की गयी। यह भी बताया गया है, कि सामंत पूरी निष्ठा के साथ उसकी सेवा करते थे। वक्कलेरि लेख से पता चलता है, कि उसने धारवाङ के इंगल क्षेत्र की भूमि को ब्राह्मणों में दान दी थी। इस प्रकार वह एक निर्माता तथा धर्मनिष्ठ शासक था।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

India Old Days : Search

Search For IndiaOldDays only

  

Related Articles

error: Content is protected !!