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प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल : अयोध्या

उत्तर प्रदेश के फैजाबाद के समीप सरयू नदी के तट पर स्थित अयोध्या नामक नगर भगवान राम की पुण्य – भूमि होने के कारण इतिहास एवं साहित्य में अत्यन्त प्रसिद्ध है। रामायण काल में अयोध्या कोशल राज्य की राजधानी थी। रामायण से पता चलता है कि यह बारह(12) योजन लम्बा और तीन(3) योजन चौड़ा था। नगर में अनेक सुन्दर व चौड़ी सड़के तथा भव्य राजप्रसाद अवस्थित थे।

बुद्ध काल में कोशल राज्य दो भागों में बँट गया – उत्तरी तथा दक्षिणी

अयोध्या या साकेत उत्तरी भाग की तथा श्रावस्ती दक्षिण भाग की राजधानी बन गई। इस समय श्रावस्ती का महत्व बढ़ गया था। शुंगकाल का एक लेख अयोध्या से मिलता है जिससे पता चलता है कि पुष्यमित्र शुंग ने दो अश्वमेध यज्ञ किये थे। गुप्तकाल में अयोध्या का महत्व था। कालीदास ने कई स्थानों पर इसकी महिमा का उल्लेख किया है।

कालिदास किसका दरबारी विद्वान था?

गुप्तकाल के बाद अयोध्या का महत्व घट गया। चीनी यात्री हुएनसांग ने इस नगर को उजड़ा हुआ पाया था। वह इस स्थान के निकट अयोमुख का उल्लेख करता है। सम्प्रति अयोध्या में रामायण काल का कोई भी अवशेष नहीं मिलता तथा वहाँ स्थित पवित्र मन्दिर एवं भवन बाद की कृतियाँ हैं।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
2. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास, लेखक-  वी.डी.महाजन 

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