राजस्थान का इतिहास
- अप्रैल- 2021 -18 अप्रैल
- 17 अप्रैल
महाराणा लाखा (लक्षसिंह)का इतिहास
महाराणा लाखा(1382-1397ई.)- महाराणा लाखा के शासनकाल में दिल्ली सल्तनत को अनेक उतार-चढाव देखने पङे। 1388 ई. में फीरोज तुगलक की…
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क्षेत्रसिंह(1364-82ई.)का इतिहास
क्षेत्रसिंह - राणा हम्मीर की मृत्यु के बाद उसका बङा पुत्र क्षेत्रसिंह मेवाङ का राणा बना।
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राणा हम्मीर कौन था
राणा हम्मीर - राणा हम्मीर अपने समय का पराक्रमी, साहसी एवं चतुर शासक सिद्ध हुआ। वह सीसोदे के सरदार लभ्मणसिंह…
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पद्मिनी की कहानी की ऐतिहासिकता
पद्मिनी - अलाउद्दीन के चित्तौङ-आक्रमण का एक मुख्य कारण रावल रत्नसिंह की रानी पद्मिनी को प्राप्त करने की लालसा भी…
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चित्तौङ और दिल्ली सल्तनत का इतिहास
रत्नसिंह और अलाउद्दीन खिलजी -रावल समरसिंह के बाद 1302 ई. में रत्नसिंह गुहिलों के सिंहासन पर बैठा। वह समरसिंह का…
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कुम्भा के सिरोही और आबू के देवङा चौहानों के साथ संबंध
कुम्भा - महाराव लुम्बा के नेतृत्व में देवङा चौहानों ने अर्बुदाचल के पहाङी क्षेत्र पर 1311 ई. के आसपास अपना…
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कान्हङदे और अलाउद्दीन खिलजी
कान्हङदे और अलाउद्दीन खिलजी - अमीर खुसरो और बरनी की रचनाओं से तो हमें कान्हङदेव और अलाउद्दीन के आपसी संबंधों…
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जालौर और दिल्ली सल्तनत का इतिहास
जालौर और दिल्ली सल्तनत - जालौर का छोटा सा राज्य चौहनों का महत्त्वपूर्ण केन्द्र रहा था। कीर्तिपाल द्वारा इसको स्थापना…
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रणथंभौर और दिल्ली सल्तनत
रणथंभौर, जयपुर से दक्षिण-पूर्व की दिशा में स्थित है। यहाँ का विशाल दुर्ग एक पथरीले पठार पर, जो कि समुद्र…
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