प्राचीन भारत
- सितम्बर- 2019 -13 सितम्बर
अजंता के चित्रों में गुफा संख्या 16 के चित्र
सोलहवीं गुफा के एक चित्र में बुद्ध का महाभिनिष्क्रमण का चित्रांकन है, जिसमें वे अपनी पत्नी, पुत्र तथा परिचायिकाओं को…
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भीतरगाँव का मंदिर क्यों प्रसिद्ध है
भारत में प्राप्त डाट-पत्थर मेहराब का प्राचीनतम उदाहरण होने के साथ-2 भीतरगाँव का मंदिर ईंट निर्मित भवन का भी सबसे…
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देवगढ का दशावतार मंदिर
पर्सी ब्राउन के शब्दों में संपूर्ण भवन अपने अंगों के सटीक नियोजन की दृष्टि से, जो सभी व्यवहारिक रूप से…
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भूमरा का शिव मंदिर
इसके द्वार की चौखट भी अलंगरणों से सजायी गयी हैं। मंदिर की छत चपटी है। गर्भगृह के भीतर एकमुखी शिव-लिंग…
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एरण क्यों प्रसिद्ध है
एरण के ये मंदिर विष्णु व उनके अवतारों से संबंधित हैं। महाविष्णु मंदिर के अलावा इस स्थल पर महावराह मंदिर…
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नचना कुठार का पार्वती मंदिर किस काल में बना
मंदिर के बाहर प्रांगण में विषपायी शिव की चतुर्मुखी प्रतिमा है जिसमें शिव के खुले हुए मुख के भाव विष…
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एरण के विष्णु मंदिर का इतिहास
इसके मुख, पेट, पैर आदि समस्त अंगों में देव प्रतिमाएँ उत्कीर्ण की गई हैं। विष्णु मंदिर के सामने 47 फुट…
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वाकाटक शासक प्रवरसेन द्वितीय
वह वैष्णव धर्मानुयायी था। अपने शासन के अंत में प्रवरसेन ने प्रवरपुर नामक एक नई राजधानी स्थापित की, जहाँ उसने…
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वाकाटक शासक नरेन्द्रसेन का इतिहास
इस प्रकार नरेन्द्रसेन ने नलों की शक्ति का विनाश किया। उसके इस कार्य से वाकाटकों की प्रतिष्ठा बढ गयी। वाकाटक…
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पृथ्वीषेण द्वितीय का इतिहास
पृथ्वीषेण द्वितीय वाकाटकों की प्रधान शाखा का अंतिम शासक था। उसके बाद उसका राज्य बासीम शाखा के हरिषेण के हाथों…
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