आधुनिक भारत
- मार्च- 2019 -8 मार्च
इल्बर्ट बिल विवाद (ilbart bil vivaad)क्या था
न उदारवाद का प्रतीक था। अतः 1882 ई. में उसने भारत सचिव के निर्देशानुसार रुङकी इंजीनियरिंग कॉलेज (Rungki Engineering College)में…
Read More » - 8 मार्च
उदारवाद का प्रतीक लार्ड रिपन(Lord Ripon)
लार्ड लिटन (Lord Lytton)की प्रतिक्रियावादी नीतियों की इंग्लैण्ड में तीव्र प्रतिक्रिया हुई। अतः 1880 ई. के चुनावों में इंग्लैण्ड में…
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ब्रिटिश सरकार की प्रशासनिक नीति(prashaasanik neeti)
1857 की क्रांति( 1857 kee kraanti ) की समाप्ति के बाद भारत में जो सैनिक एवं प्रशासनिक परिवर्तन किये गये…
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ब्रिटिश साम्राज्यवादी नीति(1858-1905)
1857 ई. की क्रांति की आग ने ईस्ट इंडिया कंपनी की सत्ता को भस्मीभूत कर दिया। अब भारत की सत्ता…
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तृतीय आंग्ल-बर्मी युद्ध के कारण तथा बर्मा का विलय
भारत सचिव उत्तर बर्मा को अधिक महत्त्वपूर्ण समझने लगा। यदि अंग्रेजों की सर्वोच्चता ब्रिटिश बर्मा और चीन के बीच के…
Read More » - 7 मार्च
द्वितीय आंग्ल-बर्मी युद्ध का वर्णन
यांडबू की संधि द्वारा दोनों (अंग्रेज व बर्मा) के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित करने का निश्चय किया गया था। किन्तु…
Read More » - 7 मार्च
बर्मा के प्रति ब्रिटिश नीति क्या थीःप्रथम आंग्ल-बर्मी युद्ध
19 वी. शता. के आरंभ में कंपनी रांज्य की पूर्वी सीमा चटगाँव से लेकर उत्तर में पहाङियों तक तथा बंगाल…
Read More » - 6 मार्च
तिब्बत के प्रति अंग्रेजों की नीति
तिब्बत हिमालय पर्वत के उत्तर में स्थित है। इसके उत्तर में पूर्वी तुर्किस्तान है तथा पूर्व में चीन का साम्राज्य…
Read More » - 6 मार्च
पंजदेह का संकट क्या था
लार्ड डफरिन के काल में घटित होने वाली पंजदेह की घटना के कारण रूस तथा इंग्लैण्ड पुनः एक बार युद्ध…
Read More » - 5 मार्च
द्वितीय आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध का वर्णन
द्वितीय आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध (1878-1880 ई.) तक लड़ा गया। यह युद्ध वायसराय लॉर्ड लिटन प्रथम (1876-1880 ई.) के शासन काल में…
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