इतिहास
- अप्रैल- 2021 -15 अप्रैल
राणा हम्मीर कौन था
राणा हम्मीर - राणा हम्मीर अपने समय का पराक्रमी, साहसी एवं चतुर शासक सिद्ध हुआ। वह सीसोदे के सरदार लभ्मणसिंह…
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पद्मिनी की कहानी की ऐतिहासिकता
पद्मिनी - अलाउद्दीन के चित्तौङ-आक्रमण का एक मुख्य कारण रावल रत्नसिंह की रानी पद्मिनी को प्राप्त करने की लालसा भी…
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चित्तौङ और दिल्ली सल्तनत का इतिहास
रत्नसिंह और अलाउद्दीन खिलजी -रावल समरसिंह के बाद 1302 ई. में रत्नसिंह गुहिलों के सिंहासन पर बैठा। वह समरसिंह का…
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कुम्भा के सिरोही और आबू के देवङा चौहानों के साथ संबंध
कुम्भा - महाराव लुम्बा के नेतृत्व में देवङा चौहानों ने अर्बुदाचल के पहाङी क्षेत्र पर 1311 ई. के आसपास अपना…
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कान्हङदे और अलाउद्दीन खिलजी
कान्हङदे और अलाउद्दीन खिलजी - अमीर खुसरो और बरनी की रचनाओं से तो हमें कान्हङदेव और अलाउद्दीन के आपसी संबंधों…
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जालौर और दिल्ली सल्तनत का इतिहास
जालौर और दिल्ली सल्तनत - जालौर का छोटा सा राज्य चौहनों का महत्त्वपूर्ण केन्द्र रहा था। कीर्तिपाल द्वारा इसको स्थापना…
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रणथंभौर और दिल्ली सल्तनत
रणथंभौर, जयपुर से दक्षिण-पूर्व की दिशा में स्थित है। यहाँ का विशाल दुर्ग एक पथरीले पठार पर, जो कि समुद्र…
Read More » - 9 अप्रैल
हम्मीरदेव चौहान का इतिहास
हम्मीरदेव चौहान - बागभट्ट के बाद जयसिम्हा रणथंभौर का शासक बना। दिल्ली सल्तनत की स्थिति को देखते हुये यह अनुमान…
Read More » - 8 अप्रैल
उज्जैन के गुर्जर-प्रतिहार
उज्जैन के गुर्जर-प्रतिहारों ने मंडौर से अपना राज्य-विस्तार शुरू किया था और उनका पूर्वज हरिश्चंद्र नामक ब्राह्मण था। संभव है…
Read More » - 7 अप्रैल
भङोंच के गुर्जर-प्रतिहार
भङोंच के गुर्जर-प्रतिहार - सातवीं और आठवीं सदी के कुछ दान-पत्रों से पता चलता है कि भङोंच और उसके आसपास…
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