इतिहास
- जुलाई- 2020 -7 जुलाई
विशिष्टाद्वैतवाद का प्रवर्त्तक कौन था
सामानुज ज्ञान को द्रव्य मानते हैं।उनके अनुसार इसकी प्राप्ति के तीन सधान हैं - प्रत्यक्ष, अनुमान तथा शब्द। अन्य कारणों…
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रामानुज का परिचय
भारतीय दार्शनिकों में शंकर के बाद रामानुज का नाम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है, जिन्होंने अपने विचारों के माध्यम से अद्वैतवाद का…
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शंकराचार्य तथा बौद्ध धर्म
शंकर के ऊपर बौद्ध मत के प्रभाव के विषय में विद्वान एकमत नहीं है। कुछ लोगों का विचार है, कि…
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अद्वैतवाद का संस्थापक कौन था
शंकराचार्य संस्कृत के प्रकाण्ड पंडित थे।उनका मत अद्वैतवाद के नाम से विख्यात है। यह उपनिषदों के बहुत निकट है।
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शंकराचार्य तथा उनका दर्शन
प्राचीन भारत के दार्शनिकों एवं धर्माचार्यों में शंकराचार्य का नाम अग्रगण्य है। उनका जन्म केरल प्रांत के अल्वर नदी(मालवार तट)…
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भगवद गीता के बारे में जानकारी
भगवद्गीता या गीता का भारतीय विचारधारा के इतिहास में लोकप्रियता की दृष्टि से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थान है।आज भी यह हिन्दुओं…
Read More » - 4 जुलाई
मीमांसा दर्शन के प्रणेता कौन थे
वेद के दो भाग हैं - कर्मकाण्ड तथा ज्ञानकाण्ड। ब्राह्मण ग्रंथों में वैदिक कर्मकाण्डों का विशिष्ट विवरण मिलता है तथा…
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वैशेषिक दर्शन के प्रवर्त्तक कौन थे
वैशेषिक दर्शन के प्रवर्त्तक महर्षि कणाद माने जाते हैं, जिन्हें कणभुक, उलूक तथा काश्यप नामों से भी जाना जाता है।
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योग दर्शन किसे कहते हैं
योग दर्शन सांख्य के साथ घनिष्ठ रूप से सम्बद्ध है। यह वस्तुतः सांख्य का व्यावहारिक पक्ष है। इसका प्रवर्त्तक महर्षि…
Read More » - 2 जुलाई
सांख्य दर्शन क्या था
सांख्य दर्शन का प्रवर्त्तक महर्षि कपिल को माना जाता है। इसका सबसे प्राचीन तथा प्रामाणिक ग्रंथ सांख्यकारिका है, जिसकी रचना…
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