जैन धर्म
- सितम्बर- 2020 -2 सितम्बर
जैन साहित्य
जैन साहित्य को आगम (सिद्धांत)कहा जाता है। इसके अंतर्गत 12 अंग, 12 उपांग, 10 प्रकीर्ण, 6 छेदसूत्र, 4 मूलसूत्र, अनुयोग…
Read More » - अगस्त- 2020 -27 अगस्त
जैन संगीतियाँ
जैन धर्म में दो सभाएं हुई थी जिनका विवरण इस प्रकार है। प्रथम जैन सभा, द्वितीय जैन सभा।
Read More » - 26 अगस्त
बौद्ध एवं जैन धर्म का तुलनात्मक अध्ययन
छठीं शताब्दी ईसा पूर्व में दो धर्मों का उदय हुआ था, वे थे – बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म इन…
Read More » - 26 अगस्त
जैन धर्म में सल्लेखना या संथारा प्रथा क्या है
जैन दर्शन के सल्लेखना शब्द में दो शब्द सत् तथा लेखना आते हैं, जिनका शाब्दिक अर्थ है अच्छाई का लेखा-जोखा…
Read More » - जुलाई- 2020 -30 जुलाई
जैन धर्म के 24 तीर्थंकर
जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हुए हैं। तीर्थंकर का अर्थ है- तारने वाला अर्थात् जो स्वयं तप के माध्यम से…
Read More » - 29 जुलाई
जैन धर्म के ग्यारह गणधरों के नाम
गणधर जैन दर्शन में प्रचलित एक उपाधि है।गणधर वह व्यक्ति होता है, जो धर्म के गण को धारण करता है।…
Read More » - 29 जुलाई
जैन धर्म : 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ कौन थे
जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ का जन्म वाराणसी में हुआ। इनके पिता का नाम अश्वसेन तथा माता का नाम…
Read More » - 29 जुलाई
जैन धर्म का इतिहास
जैन धर्म भारत का सबसे प्राचीन धर्म है। जैन धर्म का अर्थ है- जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म। जो जिन के…
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महावीर स्वामी का जीवन परिचय
महावीर स्वामी का जन्म वैशाली के निकट कुण्डग्राम के ज्ञातृक कुल के प्रधान सिद्धार्थ के यहां 540 ई.पू. में हुआ,…
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