कादिरी सम्प्रदाय की स्थापना बगदाद के शेख अब्दुल कादिर जिलानी ने 12 वीं सदी में की थी। भारत में इस सम्प्रदाय के पहले संत शाह नियामत उल्ला और नासिरुद्दीन महमूद जिलानी थे। शेख अब्दुल जाकिर फतेहपुर सिकरी के दीवान – ए – आम में नमाज पढते थे, जिस पर अकबर ने विरोध किया तो शेख ने उत्तर दिया – मेरे बादशाह, यह आपका साम्राज्य नहीं है, कि आप आदेश दें। शाहजहाँ का ज्येष्ठ पुत्र दाराशिकोह कादिरी सूफी सम्प्रदाय का अनुयायी बन गया था और मियां मीर से लाहौर में मुलाकात की थी। बाद में दाराशिकोह मुल्लाशाह बदख्शी का शिष्य बन गया।
सूफीमत के अन्य महत्त्वपूर्ण संप्रदाय।