1781 का संशोधन अधिनियम (what was the amendment act of 1781) – रेग्युलेटिंग एक्ट के दोषों को दूर करने के लिए 1781 में एक संशोधन नियम पारित किया गया,जिसके अनुसार निम्नलिखित परिवर्तन किये गये-
रेग्युलेटिंग एक्ट क्या था ? इसके गुण एवं दोष क्या थे?
1781 का संशोधन अधिनियम

- गवर्नर जनरल एवं उसकी परिषद के कार्यक्षेत्र से सर्वोच्च न्यायालय को बाहर रखा गया। ऐसा ही भारतीय न्यायालयों के साथ किया गया।
- सदर दीवानी अदालत के रूप में मुकदमों की अपील सुनने का अधिकार गवर्नर जनरल को दे दिया गया।
- प्रादेशिक कौंसिलों एवं न्यायालयों के बारे में भी नियम बनाने के अधिकार उन्हें दिए गये। इस प्रकार सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति इनके द्वारा कम कर दी गयी।
- इस अधिनियम द्वारा सर्वोच्च न्यायालय पर यह रोक लगा दी गयी कि वह कम्पनी के कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं कर सकता, जो उन्होंने एक सरकारी अधिकारी की हैसियत से किया हो।
- कानून बनाने तथा उसका क्रियान्वयन करते समय भारतीयों के सामाजिक तथा धार्मिक रीति-रिवाजों का सम्मान करने का भी निर्देश दिया गया।
इस अधिनियम के द्वारा कलकत्ता की सरकार को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के लिए भी विधि बनाने का अधिकार प्रदान किया गया।
