गुरिल्ला युद्ध क्या होता है

10.41K viewsइतिहासआधुनिक भारत
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गुरिल्ला युद्ध क्या होता है?

Subhash Saini Changed status to publish अक्टूबर 16, 2020
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गोरिल्ला या गेरिला (guerrilla) शब्द, जो छापामार के अर्थ में प्रयुक्त होता है, स्पैनिश भाषा का है। स्पैनिश भाषा में इसका अर्थ लघुयुद्ध है। मोटे तौर पर छापामार युद्ध अर्धसैनिकों की टुकड़ियों अथवा अनियमित सैनिकों द्वारा शत्रुसेना के पीछे या पार्श्व में आक्रमण करके लड़े जाते हैं। वास्तविक युद्ध के अतिरिक्त छापामार अंतर्ध्वंस का कार्य और शत्रुदल में आतंक फैलाने का कार्य भी करते हैं। छापामारों को पहचानना कठिन है। इनकी कोई विशेष वेशभूषा नहीं होती। दिन के समय ये साधारण नागरिकों की भाँति रहते और रात को छिपकर आतंक फैलाते हैं। छापामार नियमित सेना को धोखा देकर विध्वंस कार्य करते हैं।  साधारण युद्धों के साथ ही छापामार युद्धों का भी प्रचलन हुआ।

सबसे पहला छापामार युद्ध 360 वर्ष ईसवी पूर्व चीन में सम्राट् हुआंग से अपने शत्रु सी याओ (Tse yao) के विरुद्ध लड़ा था। इसमें सी याओ (Tse yao) हार गया। इंग्लैड के इतिहास में छापामार युद्ध का वर्णन मिलता है। केरेक्टकर (Caractacur) ने दक्षिणी वेल्स के गढ़ से छापामार युद्ध में रोमन सेना को परेशान किया था। भारत में छापामार युद्ध का सर्वप्रथम प्रयोग महाराणा प्रताप ने अकबर के विरूद्ध किया था। बाद में उनसे प्रेरित होकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने मलेंछो के खिलाफ किया। मराठो के इन छापामार युद्धों ने शक्तिशाली मुगल सेना का आत्मविश्वास नष्ट कर दिया।

शिवाजी को भारत के भीतर गुरिल्ला युद्ध का जनक माना जाता है

Subhash Saini Changed status to publish अक्टूबर 16, 2020
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