रामानंद की भक्ति किस भाव की थी

3.12K viewsइतिहासभक्ति आन्दोलन
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रामानंद की भक्ति किस भाव की थी?

Subhash Saini Changed status to publish नवम्बर 9, 2020
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स्वामी रामानंद को मध्यकालीन भक्ति आंदोलन का महान संत माना जाता है। उनकी भक्ति दास्य भाव की थी। उन्होंने रामभक्ति की धारा को समाज के निचले तबके तक पहुंचाया। वे पहले ऐसे आचार्य हुए जिन्होंने उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार किया। उनके बारे में प्रचलित कहावत है कि – द्वविड़ भक्ति उपजौ-लायो रामानंद। यानि उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार करने का श्रेय स्वामी रामानंद को जाता है। उन्होंने तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे छुआछूत, ऊंच-नीच और जात-पात का विरोध किया। किन्तु आपने कभी वर्णसंकरता की अनुमति प्रदान नहीं करी, केवल आपने सभी जातियों के लिए भक्ति मार्ग का द्वार खोला ।

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