मोहनजोदड़ो को मृतकों का टीला क्यों कहा जाता है

मोहनजोदड़ो को मौत का टीला भी कहा जाने लगा था। दरअसल इस नगर के बारे पता चलने के बाद वैज्ञानिकों ने रिसर्च की, रिसर्च के बाद एक ऐसा खुलासा हुआ जिसे जानने के बाद उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। वो सच ये था- कंकालों का मिलना। वैज्ञानिकों द्वारा की गई जांच-पड़ताल में पता चला कि, यहां कि हर गली हर नगर में कंकाल ही ‘कंकाल’ है। जिसके बाद से इस नगर को मौत का टीला भी कहा जाने लगा।
मोहनजोदड़ो का सिन्धी भाषा में अर्थ है ‘मुर्दों का टीला’। यह दुनिया का सबसे पुराना नियोजित और उत्कृष्ट शहर माना जाता है। इस नगर के बारे में पता चलने के बाद वैज्ञानिकों ने रिसर्च की, रिसर्च के बाद ऐसा खुलासा हुआ जिसे जानने के बाद उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। वो सच ये था- कंकालों का मिलना। वैज्ञानिकों द्वारा की गई जांच-पड़ताल में पता चला कि, यहाँ कि हर गली हर नगर में कंकाल ही कंकाल है। जिसके के बाद से इस नगर को मौत(मृतकों) का टीला भी कहा जाने लगा। ये कंकाल जानवरों या पशु-पक्षियों के नही, बल्कि इंसानों के कंकाल थे। ये कंकाल काफी गंभीर अवस्था में पाए गए, कुछ तो बिखर कर इधर-उधर गिरे पड़े थे और कुछ तो ऐसे लग रहे थे मानो एक-दूसरे के हाथ इस तरह पकड़ रखे थे, मानो किसी विपत्ति ने उन्हें अचानक इस अवस्था में पहुँचा दिया था।