मध्यकाल में जिम्मी किसे कहा जाता था?

किसी देश पर विजयोपरांत भी जो प्रजा इस्लाम स्वीकार नहीं करती थी और जजिया कर देना स्वीकार कर लेती थी। जजिया एक प्रकार का धार्मिक कर था जिसे गैर मुसलमानों (जिम्मियों) से वसूल किया जाता था। ये लोग अनिवार्य सैनिक सेवा से मुक्त थे। इस्लामी राज्य में केवल मुसलमानों को ही रहने की अनुमति थी और यदि कोई गैर-मुसलमान उस राज्य में रहना चाहे तो उसे जज़िया देना होगा। इसे देने के बाद गैर मुस्लिम लोग इस्लामिक राज्य में अपने धर्म का पालन कर सकते थे।
Suman Changed status to publish सितम्बर 9, 2021