बिजोलिया शिलालेख कहाँ स्थित है?

बिजोलिया नामक स्थान राजस्थान के मेवाड़ में भीलवाड़ा जिले में बूँदी और भीलवाड़ा के लगभग मध्य में स्थित है। इसे उपरमाल, संस्कृत में उत्तम शिखर भी कहा जाता है।
कर्नल टॉड के अनुसार बिजोलिया का शुद्ध नाम विजयावल्ली था। कई शिलालेखों में इसे अहेच्छपुर और मोरझरी भी लिखा गया है।
बिजोलिया शिलालेख बिजोलिया, राजस्थान के पाश्वर्नाथ जैन मंदिर के पास एक चट्टान पर उत्कीर्ण है, जिसे 1170 ई. के जैन श्रावक लोलाक द्वारा मंदिर के निर्माण की स्मृति में बनवाया गया था। इसका प्रशस्तिकार गुणभद्र था। यह अभिलेख संस्कृत भाषा में है और इसमें 13 पद्य है।
- इस अभिलेख में सांभर एवं अजमेर के चौहानों का वर्णन है।
- इसके अनुसार चौहानों के आदिपुरुष वासुदेव चौहान ने 551 ईस्वी में शाकंभरी में चौहान राज्य की स्थापना की थी तथा सांभर झील का निर्माण करवाया। उसने अहिच्छत्रपुर को अपनी राजधानी बनाया। इसमें सांभर तथा अजमेर के चौहानों को वत्सगोत्रीय ब्राह्मण बताया है।
बिजोलिया 19-20वीं शताब्दी में भी चर्चित रहा। इसका प्रमुख कारण यहाँ का ‘बिजोलिया किसान आन्दोलन’ था। बिजोलिया का किसान आन्दोलन भारत-भर में प्रसिद्ध रहा जो विजय सिंह पथिक के नेतृत्व में चला। बिजोलिया आन्दोलन सन् 1847 से प्रारम्भ होकर अर्द्धशताब्दी तक चलता रहा।