कार्ल मार्क्स कौन थे?

कार्ल मार्क्स का पूरा नाम कार्ल हेनरी मार्क्स था। कार्ल मार्क्स का जन्म 5 मई 1818 ई. में जर्मनी के ट्रियर शहर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा बर्लिन विश्वविद्यालय में ग्रहण करी। यहीं वह हेगेल के दर्शन से परिचित हुए। मार्क्स विद्यार्थी जीवन में राजनीतिक रूप से विद्रोही छात्र थे। अप्रैल 1841 में उन्होंने जेना विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। अपने शोध प्रबंध में मार्क्स ने डेमोक्रेटिस और एपीक्यूरस के प्राकृतिक दर्शनों के अंतर का विश्लेषण किया। 1848 में वह पेरिस चले गये और पेरिस क्रांति में भाग लिया। 1849 में उन्हें पेरिस से निष्कासित कर दिया गया। अगस्त 1949 में लंदन चले गये जहां वे अपनी मृत्यु 14 मार्च 1883 तक लगातार रहे।
उन्होंने अनेक किताबें जैसे क्रिटीक आफ हेगल्स फिलास्फी आफ राइट (1844), द होली फैमिली (1844) (फ्रेडरिक एंगेल्स के साथ), थीसिस ऑन फ्युअरबाख (1845), द जर्मनी आइडियोलोजी (एंगेल्स के साथ), द पावर्टी आफ फिलासफी (1847), द कम्युनिस्ट मेनीफेस्टो (1848), वेज लेबर एण्ड कैपिटल (1849), द क्लास स्ट्रगल इन फ्रांस (1850), द एट्टीथ ब्रुनेय आफ लुइस बोनापार्ट (1850), ए कंट्रीब्यूशन टू द क्रिटीक आफ पालिटिकल इकोनामी (1859) लिखी। मार्क्स का सबसे महत्त्वपूर्ण काम कैपिटल का प्रथम खंड सन 1867 में छपा था। अपनी बीमारी के कारण मार्क्स इसे पूरा नहीं कर पाए। कैपिटल के दूसरे और तीसरे खंडों को एंगेल्स ने संशोधित किया जो कि क्रमशः 1885 और 1894 में छपे। हेनरी फायोल कौन थे?