द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध के समय भारत का गवर्नर जनरल कौन था?

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द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध के समय भारत का गवर्नर जनरल कौन था?

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द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध के समय भारत का गवर्नर जनरल वेलेजली था।

द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध(dviteey aangl-maraatha yuddh)

द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध को पढने से पहले प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध के बारे में जान लेना जरूरी है। हमने प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध का वर्णन विस्तार से इससे पहले वाली पोस्ट में किया है, तो प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध के बारे में जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है।

द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध प्रारंभ होने से पहले वॉरेन हेस्टिंग्ज  1785 ई. में इंग्लैण्ड चला गया। हेस्टिंग्ज के बाद मेकफर्सन ने 1785-86 तक 21 महीने तक कार्यवाहक गवर्नर-जनरल के रूप में कार्य किया।सितंबर,1786 में कार्नवालिस गवर्नर-जनरल बनकर भारत आया।1784 में ब्रिटिश संसद ने पिट्स इंडिया एक्ट पारित कर दिया था, जिसमें स्पष्ट कर दिया गया था कि भारत में कंपनी देशी रियासतों के प्रति अहस्तक्षेप की नीति का पालन करेगी। कार्नवालिस ने भारत में जहाँ तक संभव हो सका, इस नीति का पालन किया। 1793 में वह वापिस चला गया।1793 में ही सर जॉन शोर को गवर्नर-जनरल के पद पर नियुक्त किया गया। उसने भी कार्नवालिस की नीति का अनुसरण किया। 1795 में हैदराबाद के निजाम व मराठों के बीच खरदा का युद्ध हुआ। इस अवसर पर निजाम ने अंग्रेजों से सहायता देने की प्रार्थना की, किन्तु सर जॉन शोर ने अहस्तक्षेप की नीति के कारण निजाम को सहायता देने से इन्कार कर दिया। फलस्वरूप निजाम,मराठों से पराजित हुआ और उसे अपमानजनक संधि के लिए विवश होना पङा।1798 में सर जॉन शोर को वापिस इंग्लैण्ड बुला लिया गया।और उसके स्थान पर लार्ड वेलेजली को गवर्नर-जनरल बनाकर भारत भेजा गया…अधिक जानकारी

 

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