अंग्रेजों के साथ 1801 की संधि के समय अवध का नवाब कौन था?

अंग्रेजों के साथ 1801 की संधि के समय अवध का नवाब कौन था?
अंग्रेजों के साथ 1801 की संधि के समय अवध का नवाब सादत अली था। अवध का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय – 11 फरवरी 1856 को अवध का विलय ब्रिटिश साम्राज्य में कर लिया गया था। 1801 की संधि – 10 नवम्बर, 1801 को अवध के नवाब सादतअली ने कंपनी से एक नई संधि कर ली जिसकी प्रमुख शर्तें निम्नलिखित थी-
- नवाब ने गोरखपुर, इलाहाबाद, कानपुर, फर्रूखाबाद, इटावा, बरेली और मुरादाबाद के जिले जिनकी आय लगभग एक करोङ रुपये वार्षिक थी, स्थायी रूप से कंपनी को सौंप दिये।
- नवाब ने अवध की सेना के अधिकांश भाग को समाप्त करने का वचन दिया।
- नवाब ने अपने प्रशासन का कार्य कंपनी की सलाह से करने का वचन दिया।
- अंग्रेजी सेना को अवध के भिन्न-भिन्न भागों में रखने का निश्चय किया गया।
इस संधि के फलस्वरूप अवध राज्य चारों ओर से ब्रिटिश राज्य से घिर गया। इसके साथ ही अवध की उत्तर सीमाओं पर अधिकार करके ब्रिटिश सेनाएँ सिंधिया का मुकाबला करने को तैयार थी। अब अंग्रेजों को अवध के अलावा मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार प्राप्त हो गया।
लार्ड वेलेजली ने जिस प्रकार नवाब पर दबाव डालकर उसे संधि के लिए विवश किया, उसकी कटु आलोचना की जाती है। लार्ड वेलेजली ने सभी संधियों तथा वचनों को ताक पर रखकर नवाब के राज्य पर अधिकार करने के उद्देश्य से ही उस पर अंग्रेजी सेना रखने का दबाव डाला तथा सेना रखने के खर्च के बहाने नवाब के आधे राज्य को हङप लिया।
डाडवेल का कथन है कि अवध के प्रति नीति वेलेजली की तानाशाही वृत्तियों में सबसे अधिक निकृष्ट थी। ब्रिटिश संसद सदस्य फाक्सडोन ने इस कार्य को डकैती की संज्ञा दी थी…अधिक जानकारी