भक्ति आंदोलन के प्रतिपादक माने जाते हैं

भक्ति आंदोलन के नेता रामानंद ने राम को भगवान के रूप में लेकर इसे केन्द्रित किया। उनके बारे में बहुत कम जानकारी है, परन्तु ऐसा माना जाता है कि वे 15वीं शताब्दी के प्रथमार्ध में रहे। उन्होंने सिखाया कि भगवान राम सर्वोच्च भगवान हैं और केवल उनके प्रति प्रेम और समर्पण के माध्यम से तथा उनके पवित्र नाम को बार-बार उच्चारित करने से ही मुक्ति पाई जाती है। इस समय रामानन्द, नामदेव, कबीर, नानक, दादू, रविदास (रैदास), तुलसीदास एवं चैतन्य महाप्रभु जैसे संतों के हाथ में इस आन्दोलन की बागडोर थी।
…अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिंक करे
Subhash Saini Changed status to publish नवम्बर 9, 2020