फौजदारी मामलों के लिए अंतिम न्यायालय कौनसा था?

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फौजदारी मामलों के लिए अंतिम न्यायालय कौनसा था?

Suman Changed status to publish मई 9, 2023
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फौजदारी मामलों के लिए अंतिम न्यायालय सदर दीवानी अदालत था।

फौजदारी कानून के अधीन वह सब मामले आते हैं जो आपराधिक कृत्यों से जुड़े हों उदाहरण के लिए हत्या, बलात्कार, धोखाधड़ी, मारपीट, डकैती, चोरी आदि के मामले।

दीवानी मामले – ऐसे मुकदमे जिसका सम्बन्ध व्यक्ति के अधिकारों का हनन, संपत्ति का हस्तांतरण या अधिकार, कॉन्ट्रैक्ट या पारिवारिक विवाद से हो, सिविल या दीवानी मुकदमे कहे जाते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि किसी निजी या सार्वजनिक अधिकार के बारे में दो या अधिक पक्षों के बीच जो वाद शुरू होता है वह सिविल वाद या दीवानी वाद कहलाता है। दीवानी मामलों को ऐसे भी समझा जा सकता है कि वे सारे कानूनी विवाद जिनका सम्बन्ध फौजदारी मामलों से न हो, दीवानी मामले कहे जाते हैं।

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