आधुनिक भारतइतिहास
सैडलर आयोग -कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग

1917 ई. में सरकार ने डॉ. माइकल सैडलर के नेतृत्व में कलकत्ता विश्वविद्यालय( University of Calcutta ) की समस्याओं के अध्ययन हेतु एक आयोग नियुक्त किया ।
सैडलर आयोग ने 1904 के विश्वविद्यालय अधिनियम की कङी आलोचना करते हुए निम्नलिखित सिफारिशें प्रस्तुत की-
- इंटरमीडिएट कक्षाएं विश्वविद्यालय से पृथक हों।
- इंटरमीडियट परीक्षाओं के संचालन हेतु माध्यमिक बोर्ड का गठन किया जाये।
- कलकत्ता विश्वविद्यालय को भारत सरकार के नियंत्रण से मुक्त कर बंगाल सरकार के अधीन किया जाये।
- स्नातक स्तर पर त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम हो।
- प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक कुलपति नियुक्त किया जाये साथ ही अंतर विश्वविद्यालय स्थापित किया जाये।
- महिला शिक्षा पर जोर दिया जाये साथ औद्योगिक व प्रशिक्षण से जुङी समस्यायें विश्वविद्यालय द्वारा निपटाया जाये।
- सैडलर आयोग के सुझावों पर उत्तर प्रदेश में एक बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन की स्थापना हुई।
सैडलर आयोग की रिपोर्ट पर मैसूर, पटना, बनारस, अलीगढ, ढाका,लखनऊ और हैदराबाद में विश्वविद्यालय स्थापित किये गये।
शिक्षा अब प्रांतीय विषय बन गया, विश्वविद्यालयों के संचालन का जिम्मा प्रांतों का हो गया।
Reference:https://www.indiaolddays.com/