Suman
- प्राचीन भारत
हर्षवर्धन तथा उसका प्रारंभिक जीवन
बाण के अनुसार यशोमती के गर्भ तथा ह्रदय में एक साथ ही हर्ष का उदय उसी प्रकार हुआ, जिस प्रकार,…
Read More » - इतिहास
वर्धन वंश का नरेश राज्यवर्धन
उसने सिंहासन ग्रहण किया और हर्ष को संबोधित किया कि - "आज मैं मालवा राजवंश का विनाश करने जाता हूँ।…
Read More » - इतिहास
वर्धन वंश के शासक प्रभाकरवर्धन का इतिहास
प्रभाकरवर्द्धन एक शक्तिशाली राजा था। उसकी उपलब्धियों का विवरण बाण के हर्षचरित में इस प्रकार से मिलता है - वह…
Read More » - प्राचीन भारत
थानेश्वर के वर्द्धन वंश को जानने के लिए इतिहास के साधन
र्षचरित में 8 अध्याय अथवा खंड हैं। इन्हें उच्छवास कहा जाता है। प्रथम तीन में बाण ने अपनी आत्मकथा लिखी
Read More » - इतिहास
मौखरि वंश तथा उत्तरगुप्त वंश के बीच संबंध कैसे थे
गुप्त वंश के पतन के बाद उत्तर भारत में जो शक्तियाँ स्वतंत्र हुई, उनमें कन्नौज के मौखरि तथा मगध और…
Read More » - इतिहास
मौखरि वंश का पतन
यह सुव्र सुचंद्रवर्मा ही था।यह कन्नौज के मौखरि वंश का अंतिम शासक था। इसने 664 ईस्वी तक राज्य किया।
Read More » - इतिहास
मौखरि शासक अवंतिवर्मा का इतिहास
नालंदा मुद्रालेख में उसे महाराजाधिराज कहा गया है। मुद्राराक्षस से पता चलता है, कि उसने म्लेच्छों (हूणों) को जीता था।…
Read More » - इतिहास
मौखरि शासक ग्रहवर्मा का इतिहास
अब हुआ यह कि इस वैवाहिक संबंध से दोनों वंशों मौखरि तथा वर्द्धन वंश में घनिष्ठता स्थापित हो गयी। वहीं…
Read More » - इतिहास
मौखरि शासक सर्ववर्मा का इतिहास
देवबर्नाक के लेख के अनुसार सर्ववर्मा ने वारुणीक नामक ग्राम दान में दिया था, जो उस समय मगध क्षेत्र में…
Read More » - इतिहास
मौखरि शासक ईशानवर्मा का इतिहास
हरहा अभिलेख ईशानवर्मा की विजयों का विवरण इस प्रकार देता है - उसने आंध्राधिपति को जिसकी सेना में सहस्रों मतवाले…
Read More »