प्राचीन भारत
- नवम्बर- 2019 -29 नवम्बर
चौहान शासक विग्रहराज द्वितीय का इतिहास
पृथ्वीराजविजय तथा प्रबंधचिंतामणि से पता चलता है,कि उसने गुजरात के चालुक्य शासक मूलराज प्रथम के ऊपर आक्रमण किया। मूलराज पराजित…
Read More » - 29 नवम्बर
शाकंभरी का चौहान शासक सिंहराज कौन था
देवपाल के राज्यकाल के बाद ही चाहमान नरेश सिंहराज ने प्रतिहारों की अधीनता से मुक्त होने का जोरदार प्रयास किया…
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शाकंभरी का चौहान (चाहमान) वंश के इतिहास के स्रोत
जांगलदेश के पहले राजा का नाम वासुदेव था। जिसने अजमेर के उत्तर में सांभर (शाकंभरी) क्षेत्र पर अपना अधिकार कर…
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गुर्जर-प्रतिहार शासक महेन्द्रपाल द्वितीय तथा प्रतिहार साम्राज्य का पतन
महेन्द्रपाल द्वितीय के बाद 960 ईस्वी तक प्रतिहार वंश में चार शासक हुये - देवपाल (948-49 ईस्वी), विनायकपाल द्वितीय (953-54…
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गुर्जर-प्रतिहार शासक महीपाल
महेन्द्रपाल के बाद कुछ समय के लिये भोज द्वितीय ने शासन किया। किन्तु दो वर्षों बाद ही उसका सौतेला भाई…
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गुर्जर-प्रतिहार शासक महेन्द्रपाल प्रथम
महेन्द्रपाल प्रथम की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि मगध तथा उत्तरी बंगाल की विजय थी। महेन्द्रपाल प्रथम विद्वानों का उदार संरक्षक था।
Read More » - 19 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहार शासक मिहिरभोज प्रथम
उसने अपने वंश का वर्चस्व बुंदेलखंड में पुनः स्थापित किया तथा जोधपुर के प्रतिहारों (परिहार) का दमन किया।
Read More » - 19 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहार शासक रामभद्र
उसके समय में प्रतिहारों को पालों के हाथों पराजय का सामना करना पङा था। नारायणपाल के बादल लेख से पता…
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गुर्जर-प्रतिहार शासक नागभट्ट द्वितीय
नागभट्ट द्वितीय ने दूसरी दिशाओं में अपनी तकदीर आजमाई। उसने कन्नौज पर आक्रमण कर धर्मपाल के नामजद शासक चक्रायुद्ध को…
Read More » - 17 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहार शासक वत्सराज का इतिहास
गुर्जर- प्रतिहार वंश का चौथा शासक वत्सराज था।वत्सराज को गुर्जर-प्रतिहार वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।
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