इतिहास
- दिसम्बर- 2019 -15 दिसम्बर
परमार शासक भोज की सांस्कृतिक उपलब्धियाँ
भोज स्वयं विद्वान था तथा उसकी उपाधि कविराज की थी। उसने ज्योतिष, काव्य शास्र, वास्तु आदि विषयों पर महत्त्वपूर्ण ग्रंथों…
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मालवा के परमार शासक भोज का इतिहास
उदयपुर प्रशस्ति से हमें भोज की राजनैतिक उपलब्धियों के बारे में सूचना प्राप्त होती है। इस प्रशस्ति के अनुसार भोज…
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परमार वंश का पतन क्यों हुआ था
भोज अपने जीवन के अंतिम दिनों में अपने साम्राज्य की रक्षा नहीं कर सका तथा उसे भारी असफलताओं का सामना…
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परमार राजा भोज के द्वारा किये गये युद्ध एवं विजयें
भोज का सर्वप्रथम संघर्ष कल्याणी के चालुक्यों के साथ हुआ। प्रारंभ में उसे सफलता मिली। तथा गोदावरी नदी के आस-पासका…
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परमार वंश के सिंधुराज का इतिहास
नवसाहसांकचरित से पता चलता है, कि सिंधुराज ने कुंतलेश्वर द्वारा अधिग्रहीत अपने राज्य को तलवार के बल पर पुनः अपने…
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परमार वंश के शासक वाक्पति मुंज का इतिहास
प्रबंधचिंतामणि में उसके जन्म के विषय में एक अनोखी कथा मिलती है। इस कथा के अनुसार सीयक को बहुत दिन…
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स्वतंत्र परमार साम्राज्य की स्थापना : हर्ष अथवा सीयक द्वितीय (945 – 972 ईस्वी)
इस समय प्रतिहार साम्राज्य पतन की अवस्था में था। इस स्थिति का लाभ उठाते हुये सीयक ने मालवा तथा गुजरात…
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भरतपुर रियासत के शासक सूरजमल का इतिहास
भरतपुर जहां स्थित है, वह इलाका सोघरिया जाट सरदार रुस्तम के अधिकार में था। सूरजमल ने सन् 1733 में खेमकरण…
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मालवा का परमार वंश के इतिहास के साधन
परमारवंश का इतिहास हम अभिलेख, साहित्य तथा विदेशी विवरणों के आधार पर ज्ञात करते हैं। इस वंश के अभिलेखों में…
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तराइन के प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय युद्धों का वर्णन
12 वीं शता. में दिल्ली पर शाकंभरी शाखा के चौहान वंश के शासक पृथ्वीराज चौहान का शासन था, जो एक…
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