1764 ई. में इंग्लैण्ड की संसद ने एक मुद्रा कानून (करेंसी एक्ट) पास किया। इसके अनुसार, राजा के किसी भी उपनिवेश में भविष्य में जारी की गई कोई हुण्डी वैध नहीं मानी जाती थी। हुआ यह कि बहुत से उपनिवेशी नकद रुपए के स्थान पर कागज के नोट छापकर अपने ऋण का भुगतान करते थे।
इससे इंग्लैण्ड के आर्थिक हितों को हानि पहुंचती थी। नए कानून के उपनिवेशियों का आर्थिक बोझ बढा दिया, जिसके अनुसार उपनिवेशों को राजकीय सैनिकों को निवास स्थान तथा आवश्यक सामग्री देने को कहा गया। उपनिवेशियों के लिये यह कानून भी अपमानजनक तथा आपत्तिजनक था।

1. पुस्तक- आधुनिक विश्व का इतिहास (1500-1945ई.), लेखक - कालूराम शर्मा