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कुमारगुप्त द्वितीय का इतिहास

कुमारगुप्त द्वितीय गुप्त वंशीय सम्राट था। पुरुगुप्त का उत्तराधिकारी कुमारगुप्त द्वितीय हुआ। सारनाथ से गुप्त संवत् 154 अर्थात् 473 ईस्वी का उसका लेख मिला है, जो बौद्ध प्रतिमा पर खुदा हुआ है। यह निश्चित रूप से पता नहीं है, कि वह स्कंदगुप्त का पुत्र था अथवा पुरुगुप्त का। सारनाथ लेख में भूमि रक्षति कुमारगुप्ते उत्कीर्ण है।

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  • कुमारगुप्त द्वितीय के कुछ सिक्के भी प्राप्त हुए हैं। उनमें यह अवश्य ज्ञात होता है कि उसने ‘विक्रमादित्य‘ की उपाधि धारण की थी।
  • अन्य गुप्त सम्राटों के समान ही कुमारगुप्त द्वितीय वैष्णव धर्म का अनुयायी था और उसे भी ‘परम भागवत्’ लिखा गया है।
  • अपने शासन काल में कुमारगुप्त द्वितीय ‘विक्रमादित्य’ ने अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य किए।

Reference : https://www.indiaolddays.com

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