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मानववाद का अर्थ

मानववाद का अर्थ (Meaning of Humanism)

मानववाद का अर्थ – मानववाद अर्थात मनुष्यवाद दर्शनशास्त्र की एक विचारधारा को कहते हैं, जिसके अनुसार मनुष्यों के मूल्यों और उनकी भलाई से सम्बंधित बातों को प्राथमिकता दी जाती है।

पुनर्जागरण का प्रमुख परिणाम मानव की स्वयं के प्रति जागृति है। पैट्रार्क को मानववाद का पिता माना जाता है। मानववादी चिन्तकों ने धर्मशास्त्रों के वैराग्य और आध्यात्म को तिलांजलि देकर सौन्दर्य, माधुर्य, मानव प्रेम और भौतिक सुखों को जीवन का सार स्वीकार किया। समाज की विभिन्न प्रकार की समस्याओं पर मैकियावली, दोनातेलो, दांते और अलबर्टी जैसे चिन्तकों ने अपने लेखन के माध्यम से प्रहार किया।

पुनर्जागरण के परिणाम

धर्मजनित रूढिवादी, स्वर्ग की कोरी कल्पना ने मानव की विधाओं को स्वीकार किया, साथ ही नारी सौन्दर्य, प्रेम-घृणा, दाम्पत्य जीवन जैसी विषय वस्तु को भी अपने सृजन में स्थान दिया। मानव मात्र की स्वतंत्रता, समानता, इहलोक और राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना को जागृत किया। विश्व विद्यालयों में भी मानववाद की शिक्षा दी जाने लगी।

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