पारसी धर्म के पैगम्बर जरथुस्ट्र अर्थात् ईरानी थे, इनकी शिक्षाओं का संकलन जेन्द अवेस्ता नामक ग्रंथ है।
पारसी धर्म या ‘जरथुष्ट्र धर्म’ विश्व का प्राचीन धर्म है, जिसकी स्थापना आर्यों की ईरानी शाखा के एक संत जरथुष्ट्र ने की थी। इस्लाम के आविर्भाव के पूर्व प्राचीन ईरान में जरथुष्ट्र धर्म का ही प्रचलन था। सातवीं शताब्दी में अरबों ने ईरान को पराजित कर वहाँ के जरथुष्ट्र धर्मावलम्बियों को जबरन इस्लाम में दीक्षित कर लिया था। ऐसी मान्यता है कि कुछ ईरानियों ने इस्लाम नहीं स्वीकार किया और वे एक नाव पर सवार होकर भारत भाग आये और यहाँ गुजरात तट पर नवसारी में आकर बस गये।
पारसी धर्मानुयायियों की मूल शिक्षा का सूत्र है – सद्-विचार, सद्-वचन, सद्-कार्य।
पारसी धर्म के अनुयायी एक ईश्वर अहुर को मानते हैं।
पारसी धर्म के अनुयायियों को अग्निपूजक भी कहा जाता है।
