ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारी चुंगी मुक्त व्यापार के अधिकारों का दुरुपयोग किस प्रथा के अन्तर्गत करते थे?

ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारी चुंगी मुक्त व्यापार के अधिकारों का दुरुपयोग किस प्रथा के अन्तर्गत करते थे?
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ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारी चुंगी मुक्त व्यापार के अधिकारों का दुरुपयोग दस्तक प्रथा के अन्तर्गत करते थे।
दस्तक प्रथा – कंपनी के कर्मचारी जिन उपायों से धन लूटते थे, उनमें दस्तक प्रथा मुख्य थी। दस्तक प्रमाण-पत्र था, जो अंग्रेज फैक्ट्री का अध्यक्ष कंपनी के सामान के संबंध में देता था जिससे उस पर चुंगी नहीं लगती थी। कंपनी के कर्मचारी अपना निजी व्यापार करने लगे तथा निजी व्यापार में भी दस्तक का प्रयोग कर अपने माल को चुंगी से मुक्त करा लेते थे।
1752 के बाद व्यक्तिगत तथा कंपनी के सामान में भेद करना भी असंभव हो गया, जिससे बंगाल सरकार को हानि होने लगी। इससे भारतीय व्यापार भी चौपट होने लगा, क्योंकि भारतीय व्यापारियों को चुंगी देनी पङती थी।
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