क्लाइव द्वारा स्थापित द्वैध शासन व्यवस्था कब तक प्रचलित रही?

क्लाइव द्वारा स्थापित द्वैध शासन व्यवस्था कब तक प्रचलित रही?
Suman Changed status to publish मार्च 30, 2023
क्लाइव द्वारा स्थापित द्वैध शासन व्यवस्था 1765 से 1772 ई. तक प्रचलित रही। द्वैध शासन को समझने से पहले दीवानी और निजाम को समझना आवश्यक है। मुगल काल में प्रांतीय प्रशासन में दो प्रकार के अधिकारी होते थे जिनमें सूबेदार जिसे निजाम भी कहा जाता था, का कार्य सैनिक प्रतिरक्षा, पुलिस और न्याय प्रशासन से जुङा था। दूसरा अधिकारी पद प्रांतीय स्तर पर श्रेष्ठ दीवान का था, जो राजस्व एवं वित्त व्यवस्था की देख-रेख करता था। ये दोनों अधिकारी एक दूसरे पर नजर रखते थे तथा मुगल बादशाह के प्रति उत्तरदायी होते थे। इलाहाबाद की संधि के बाद अंग्रेजों को 26 लाख रुपये वार्षिक देने के बदले दीवानी का अधिकार तथा 53 लाख रु. बंगाल के नवाब को देने पर निजामत का अधिकार प्राप्त हुआ। दीवानी और निजामत दोनों अधिकार प्राप्त कर लेने के बाद ही कंपनी ने बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत की। द्वैध शासन का जनक लियो कार्टिस को माना जाता है। द्वैध शासन की शुरुआत बंगाल में 1765ई. में हुई थी।इसके अंतर्गत कंपनी ने दीवानी और निजामत के कार्यों का निष्पादन भारतीयों के माध्यम से किया था, लेकिन वास्तविक शक्ति कंपनी के हाथों में होती थी…अधिक जानकारी
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