बाला दुर्ग किस जिले में स्थित है?

बाला दुर्ग – राजस्थान के अलवर जिले में स्थित बाला किला ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है। शिल्पशास्त्र के मुताबिक बाला दुर्ग यदियानी शिल्प जाति का है। यह समुद्र तल से 1,960 एवं समतल भूमि से एक हजार फीट ऊँचा है।
इसकी लंबाई उत्तर से दक्षिण तक 3 मील, चौङाई पूर्व से पश्चिम तक 2 किलोमीटर है जबकि परिधि 6 मील की है। बाला दुर्ग में 15 बङी, 52 छोटी बुर्जें तथा 3,359 कंगूरे हैं। प्रत्येक कंगूरे में दो-दो छिद्र हैं, यहाँ से गोलियाँ चलाई जा सकती हैं।
अलवर का बाला किला, जिस पर मुगलों, मराठों और जाटों का शासन रहा। इसे खास दुश्मन पर गोलियां बरसाने के लिए तैयार किया गया था। इस किले पर कभी युद्ध नहीं होने के कारण इसे कुंवारा किला भी कहते हैं। मौजूदा दौर में यह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित है।
इस दुर्ग को कुंवारा दुर्ग ,अलवर दुर्ग भी बोला जाता है।
एक दिन बाबर ने भी बिताया
यह किला अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। अंदर से कई भागों में बंटा हुआ है। एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए कई तरफ से सीढ़ियां हैं।
किले के जिस कमरे में जहांगीर ठहरा था, उसे सलीम महल के नाम से जाना जाता है। इस किले में एक दिन बाबर ने भी बिताया था।
अलवर राजस्थान का एकमात्र ऐसा जिला है जिसे पूर्ण रूप से राष्ट्रीय राजधानी में शामिल कर लिया गया है।
राज्य की पहली प्याज मंडी ढाई करोङ रुपये की लागत से अलवर में बनाई गई।