रणजीतसिंह का विदेशमंत्री कौन था?

रणजीतसिंह का विदेशमंत्री फकीर अजीजुद्दीन था।
महाराजा रणजीतसिंह का शासन तंत्र (mahaaraaja ranajeetasinh ka shaasan tantr kaisa tha) –
एकतंत्रीय शासन – रणजीतसिंह के शासन का स्वरूप एकतंत्रीय था। वह स्वयं संपूर्ण सत्ता का केन्द्रबिन्दु था और शासन के समस्त अधिकार उसी के हाथ में थे। राज्य के प्रत्येक महत्त्वपूर्ण मामले में उसका निर्णय अंतिम होता था। रणजीतसिंह अपने अधिकारियों के कार्यों पर पूरी निगरानी रखता था।
उसके शासनकाल में अधिकारियों को अनैतिक उपायों से धन संपत्ति जुटाने का अवसर नहीं दिया जाता था। प्रत्येक अधिकारी की मृत्यु होने पर उसकी धन संपत्ति को सरकार अपने कब्जे में ले लेती थी और मृत अधिकारी के परिवार के भरण पोषण लायक धन दे दिया जाता था।
मुस्लिम सरदारों में फकीर अजीजुद्दीन और नुरूद्दीन मुख्य थे। यूरोपियनों में वेन्चुरा और अलॉर्ड प्रमुख थे। इससे स्पष्ट है कि रणजीतसिंह ने गुरुमत अर्थात् सिक्खों की प्रजातांत्रिक पद्धति को महत्त्व नहीं दिया और निरंकुश शासन की स्थापना की…अधिक जानकारी