सती प्रथा क्या होती है?

सती प्रथा – यह एक ऐसी प्रथा थी जिसमें पति की मौत होने पर पति की चिता के साथ ही उसकी विधवा को भी जला दिया जाता था। कई बार तो इसके लिए विधवा की रजामंदी होती थी तो कभी-कभी उनको ऐसा करने के लिए जबरन मजबूर किया जाता था। पति की चिता के साथ जलने वाली महिला को सती कहा जाता था जिसका मतलब होता है पवित्र महिला।
इस प्रथा के चलते ही 1829 ई. में विलियम बैंटिक के कानून के बाद अलवर रियासत के शासक द्वारा 1830 को इसे गैर कानूनी घोषित कर दिया गया। जयपुर रियासत में 1844 में मेजर जॉन लङलू द्वारा सती प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 1846 में दलपतसिंह के शासन काल में प्रतापगढ में सती प्रथा पर रोक लगायी।
Suman Changed status to publish फ़रवरी 24, 2022