खानकाह क्या था

9.91K viewsइतिहासमध्यकालीन भारत
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खानकाह क्या था?

Subhash Saini Changed status to publish दिसम्बर 21, 2020
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‘खानकाह या रिबत’ चिश्ती सम्प्रदाय के सूफी संतों के निवास स्थान ‘खानकाह’ कहलाते थे। यही से अपने अनुयायियों को आध्यात्मिक उपदेश देते थे। अपने उपदेशों का प्रचार-प्रसार भी यही से करते थे। ये खानकाह आधुनिक हरिजन कह जाने वाले लोगों और निम्न जातियों की बस्तियाँ के समीप हुआ करते थे। सूफी लोग ईश्वर से सीधा सम्बन्ध स्थापित करने के आतुर रहते थे। वे परमात्मा में इतने लीन हो जाते थे कि एक क्षण के लिए ध्यान हटाना गवारा नही होता था। परमात्मा से लीन हो जाने की इस अवस्था को ‘मारिफत या नस्ल या एकीकरण’ कहते है।

 

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