तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध का अंत किस संधि से हुआ?

तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध का अंत श्रीरंगपट्टम की संधि से हुआ।
श्रीरंगपट्टम की संधि (shreerangapattam kee sandhi) मार्च 1792 ई. को अंग्रेजों एवं टीपू सुल्तान के मध्य हुई थी। लॉर्ड कॉर्नवालिस ने तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध के दौरान 5 फरवरी, 1792 ई. को श्रीरंगपट्टम के किले पर अधिकार कर लिया।
कार्नवालिस ने मराठों को विजय का आधा भाग देने का लोभ देकर अपनी ओर कर लिया। निजाम पहले ही अंग्रेजों से मिल चुका था। इस त्रिगुट(मराठा, निजाम, अंग्रेज) ने टीपू के राज्य को चारों ओर से घेर लिया। दो वर्षों तक टीपू अकेला ही अपने शत्रुओं से लङता रहा। अंत में मार्च, 1791 में बैंगलोर को विजय करने के बाद अंग्रेजी सेना ने टीपू की राजधानी श्रीरंगपट्टम को घेर लिया। अंत में मार्च, 1792 में टीपू को विवश होकर संधि करनी पङी…अधिक जानकारी
Suman Changed status to publish जुलाई 13, 2023