भटनेर का दुर्ग कहाँ स्थित है?

भटनेर का दुर्ग – भटनेर दुर्ग भारत के राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ जिले में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है। यह भारत के सबसे प्राचीन दुर्गों में से एक है। घग्घर नदी के तट पर स्थित हनुमानगढ का भटनेर दुर्ग भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। यह अपने साथ भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। यह अपने साथ भारतीय इतिहास की अनेक घटनाओं को समेटे हुए है। इस दुर्ग का निर्माण श्रीकृष्ण की 90 वीं पीढी में जन्मे जैसलमेर के राजा भाटी के पुत्र भूपत ने ईस्वी सन् 295 में करवाया था। इसका नाम भूपत ने अपने पिता की स्मृति में भटनेर रखा। भटनेर का सर्वाधिक महत्त्व दिल्ली-मुल्तान मार्ग पर स्थित होने के कारण से था। मध्य एशिया तथा सिंध काबुल के व्यापारी मुल्तान से भटनेर होते हुए दिल्ली तथा आगरा आते-जाते थे। घग्घर के पानी ने भी हमेशा भटनेर के महत्त्व को बनाए रखा। तत्कालीन जांगल प्रदेश का यही एक मात्र ऐसा क्षेत्र था, जहां साल भर फसलें उत्पन्न हुआ करती थी। इस कारण अपने खजाने को भरने की लालसा में बीकानेर तथा अन्य राज्यों के शासकों की निगाहें सदैव भटनेर पर लगी रही। भटनेर पर कालांतर में जलालुद्दीन बुखारी के पुत्र कुतुबुद्दीन ऐबक, तैमूर तथा अकबर का भी आधिपत्य रहा।
तैमूर ने अपनी आत्मकथा तुजुक-ए-तैमूरी में यहाँ तक लिखा कि उसने इतना मजबूत एवं सुरक्षित किला पूरे हिन्दुस्तान में कहीं नहीं देखा। सन् 1805 में बीकानेर के राजा सूरतसिंह ने भाटियों को हराकर पुनः भटनेर पर अपना आधिपत्य स्थापित किया। चूँकि विजय के दिन मंगलवार था, अतः भटनेर का नाम हनुमानजी के नाम पर हनुमानगढ रख दिया गया।