राजसिंह शैली क्या थी?

राजसिंह शैली – राजसिंह कला शैली का प्रारंभ पल्लव नरेश नरसिंहवर्मन द्वितीय ‘राजसिंह‘ ने किया। इसके अंदर गुहा-मंदिरों के स्थान पर पाषाण, ईंट आदि की सहायता से इमारती मंदिरों का निर्माण करवाया गया। इस शैली के मंदिरों में से तीन महाबलीपुरम से प्राप्त होते हैं – शोर-मंदिर (तटीय शिव मंदिर), ईश्वर मंदिर तथा मुकुन्द मंदिर।
शोर मंदिर इस शैली का प्रथम उदाहरण है। इनके अलावा पनमलाई (उत्तरी अर्काट) मंदि तथा काञ्ची के कैलाशनाथ एवं वैकुण्ठपेरूमाल मंदिर भी उल्लेखनीय हैं।
इस शैली में मंदिरों का निर्माण ईंट, पत्थरों की सहायता से होने लगा। अर्थात् संरचनात्मक मंदिरों का निर्माण होने लगा। जिसके प्रमुख केन्द्र महाबलिपुरम, काँची इत्यादि हैं। इसका सबसे महत्त्वपूर्ण मंदिर कैलाशनाथ मंदिर है जो काँची में स्थित है।
Suman Changed status to publish नवम्बर 16, 2021