गुरुमुखी, डोगरी और सिंधी लिपि की उत्पत्ति किस लिपि से हुई है

गुरुमुखी, डोगरी और सिंधी लिपि की उत्पत्ति किस लिपि से हुई है?
Subhash Saini Changed status to publish अक्टूबर 5, 2020
सारदा 8 वीं शताब्दी के आसपास विकसित स्क्रिप्ट के ब्राह्मण परिवार की एक लिपि है। यह संस्कृत और कश्मीरी भाषा के लिए प्रयोग की जाती थी। गुरुमुखी गुरु अंगद द्वारा विकसित लिपि है जो सारदा लिपि से विकसित हुई है। अभी यह कश्मीरी पंडितों द्वारा प्रयोग किया जाता है। तकरारी या टैंकारी जैसे पारदा लिपियों के कई रूप हैं जो कुकरी लिपि के माता-पिता, कुलुई लिपि (हिमाचल प्रदेश में कुल्लू), चमेली स्क्रिप्ट (चंबा हिमाचल प्रदेश में), सिंधी, पंजाब के बानिया इत्यादि हैं।
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