वाल्टेयर फ्रांसीसी लेखक, कवि, दार्शनिक, नाटककार, इतिहासकार, पत्रकार, आलोचक एवं व्यंग्यकार था। वह अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थक था। उनका जन्म 21 नवंबर 1694 में हुआ था। उसकी मृत्यु 1778 में हुई। वाल्टेयर के विचारों ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया।
वाल्तेयर की गणना बौद्धिक जागृति के नेताओं में सबसे आगे होती है। अपनी आलोचना के कारण उसे बार-बार कारावास की सजा भी भुगतनी पङी। वाल्तेयर को हर प्रकार के अत्याचार से घृणा थी। वह मानव स्वतंत्रता का समर्थक था। उसकी लेखनी तलवार से भी अधिक सशक्त थी।
उसकी शैली जितनी स्पष्ट थी, उतनी ही नुकीली और तीखी भी थी। उसने अपनी लेखनी के द्वारा उस युग के अन्याय व अत्याचार, धार्मिक पक्षपात एवं निराधार विश्वासों के विरुद्ध दीर्घकाल तक संघर्ष किया था।
हेजन के शब्दों में, वह जो कुछ भी लिखता था, उसमें उसकी आत्मा का उत्साह और उमंग प्रतिबिम्बित रहती थी। कटु व्यंग्य के तीर छोङने में और धूल में मिला देने वाला वाक् – प्रहार करने में वह दक्ष था।
वाल्तेयर ने सबसे अधिक प्रहार चर्च पर किया। वह चर्च को बदनाम चीज कहकर पुकारता था। उसने धर्म के सभी बाह्य-आडंबरों का जोरदार खंडन किया। उसकी रचना चौदहवें लुई का इतिहास एक अनमोल कृति है।

1. पुस्तक- आधुनिक विश्व का इतिहास (1500-1945ई.), लेखक - कालूराम शर्मा