इतिहासराजस्थान का इतिहास

कर्नल जेम्स टॉड कौन थे

कर्नल जेम्स टॉड – कर्नल टॉड का जन्म 20 मार्च, 1782 ई. को इंग्लैण्ड के इस्लिगटन नामक स्थान में हुआ। 1798 ई. में टॉड ने एक सैनिक रंगरूट के रूप में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेवा में प्रवेश किया।

1801 ई. में उसे देहली के पास पुरानी नहर की पैमाइश करने का काम सौंपा गया। 1805 ई. में उसे दौलतराव सिन्धिया के दरबार में नियुक्त अंग्रेज सैनिक टुकङी में नियुक्त किया गया।

कर्नल जेम्स टॉड

1817 से 1822 ई. के मध्य टॉड को पश्चिमी राजपूत राज्यों में ईस्ट इंडिया कंपनी के पोलीटिकल एजेण्ट के पद पर काम करने का अवसर मिला। इस अवधि में टॉड ने राजपूत राज्यों के इतिहास से संबंधित सामग्री को जुटाने का पूरा-पूरा प्रयास किया।

उसे राजपूत जाति एवं शासकों से इतना अधिक लगाव हो गया था कि उसके अधिकारियों को कंपनी के प्रति उसकी स्वामी भक्ति के बारे में संदेह उत्पन्न हो गया और 1822 ई. में उसे स्वास्थ्य के आधार पर त्याग पत्र देना पङा।

कर्नल जेम्स टॉड एवं उनकी रचनाएँ

कंपनी की सेवा से अवकाश प्राप्त करने के बाद कर्नल टॉड इंग्लैण्ड चला गया और वहीं पर उसने अपने द्वारा एकत्रित ऐतिहासिक सामग्री को साहित्यिक कृति के रूप में प्रकाशित करने का निश्चय किया। उसके सुप्रसिद्ध ग्रन्थ एनल्स का प्रथम खंड 1829 ई. में और दूसरा खंड 1832ई. में प्रकाशित हुआ।

इन्होंने 5 वर्ष तक राजस्थान की इतिहास-विषयक सामग्री एकत्र की एवं इंग्लैंड जा कर वर्ष 1829 में “एनल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान अथवा सेंट्रल एंड वेस्टर्न राजपूत स्टेट्स ऑफ इंडिया” है। इस रचना में सर्वप्रथम ‘राजस्थान’ शब्द का प्रयोग हुआ। कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान के इतिहास-लेखन का पितामह माना जाता है।

उनका नाम और काम, इतिहास और यात्रा-साहित्य – दोनों के अध्येताओं में बड़े सम्मान से लिया जाता है।

पश्चिमी भारत की यात्रा नामक ग्रन्थ उसकी मृत्यु (1835ई.) के बाद, 1839 ई. में प्रकाशित हुआ।

कर्नल जेम्स टॉड का एनल्स

राजस्थान और राजपूतों के बारे में यह एक प्रकार का विश्वकोष है। इसमें केवल राजस्थान की ही नहीं, अपितु भारतवर्ष के प्राचीन इतिहास की भी बहुत सी ऐतिहासिक सामग्री उपलब्ध होती है, जो यहाँ किसी दूसरे ग्रन्थ में नहीं मिलती। एनल्स के प्रथम खंड में राजपूताने की भौगोलिक स्थिति, राजपूतों की वंशावली, तत्कालीन सामंत व्यवस्था और वीरभूमि मेवाङ का इतिहास है।

पश्चिमी भारत की यात्रा गन्थ में कर्नल जेम्स टॉड ने इन क्षेत्रों का भ्रमण करते समय व्यक्तिगत अनुभवों के साथ-साथ राजपूती समाज में प्रचलित परंपराओं, अंधविश्वासों, आदिवासियों के जीवन, मंदिर, मूर्तियों, पंडे-पुजारियों, घुमक्कङ जातियों, अन्हिलवाहा का इतिहास, अहमदाबाद तथा बङौदा के इतिहास के बारे में लिखा है।

एक विदेशी होते हुये उसने राजपूत समाज में नीति-नियम, शासन व्यवस्था, रीति-रिवाज आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की थी जिससे उसकी महान प्रतिभा का पता चलता है। टॉड के एनल्स के प्रकाशन के पूर्व यूरोपवासियों की राजपूत जाति के बारे में न तो विशेष जानकारी थी और न रुचि।

एनल्स ने उन लोगों को राजपूतों के प्रति आकर्षित किया। कर्नल जेम्स टॉड की इस मान्यता ने कि, राजस्थान में कोई छोटा सा राज्य भी ऐसा नहीं है जिसमें थर्मोपोली जैसी रणभूमि न हो और शायद ही कोई ऐसा नगर मिले जहाँ लियोनिअस जैसा वीर पुरुष पैदा न हुआ हो !

References :
1. पुस्तक - राजस्थान का इतिहास, लेखक- शर्मा व्यास
Online References
wikipedia : कर्नल जेम्स टॉड

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